Punjab Coronavirus Effect: उद्यमी बोले- कोरोना ने कमर तोड़ी, टैक्स में छूट के साथ राहत पैकेज दे सरकार

जालंधर में उद्यमियों का कहना है कि सरकार को इंडस्ट्री की तरफ ध्यान देना चाहिए। टैक्स में छूट देनी चाहिए। कोरोना काल को एक वर्ष पूरा होने वाला है और सरकार ने इंडस्ट्री को कोई राहत पैकेज नहीं दिया है। सरकार राहत पैकेज नहीं देगी तो इंडस्ट्री सरवाइव कैसे करेगी।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 19 Mar 2021 05:58 PM (IST) Updated:Fri, 19 Mar 2021 05:58 PM (IST)
Punjab Coronavirus Effect: उद्यमी बोले- कोरोना ने कमर तोड़ी, टैक्स में छूट के साथ राहत पैकेज दे सरकार
जालंधर के उद्यमियों ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार से राहत पैकेज की मांग की है।

जालंधर, [कमल किशोर]। पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर के बीच इंडस्ट्री को सरकार से टैक्स में राहत की उम्मीद है। जालंधर में अभी कारोबार पूरी तरह पटरी पर नहीं आया कि कोरोना वायरस संक्रमण मामले दोबारा बढ़ने शुरू हो गए हैं। उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर जालंधर में लॉकडाउन लगता है तो श्रमिक अपने राज्यों में पलायन कर जाएंगे। जालंधर की अधिकतर फैक्ट्रियों में उत्तर प्रदेश और बिहार के श्रमिक काम कर रहे है। अकेले चप्पल इंडस्ट्री में पांच हजार श्रमिक काम करते हैं। उद्यमियों का कहना है कि पहले ही इंडस्ट्री कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के कारण नो लास, नो प्रोफिट में काम कर रही है। पांच प्रतिशत मार्जिन भी छोड़ रही है।

उद्यमियों का कहना है कि सरकार को इंडस्ट्री की तरफ ध्यान देना चाहिए। टैक्स में छूट देनी चाहिए। कोरोना काल को एक वर्ष पूरा होने वाला है और सरकार ने इंडस्ट्री को कोई राहत पैकेज नहीं दिया है। सरकार इंडस्ट्री को राहत पैकेज नहीं देगी तो इंडस्ट्री सरवाइव कैसे करेगी। हाल में सरकार ने तीन वर्ष का डेवलपमेंट टैक्स जमा करवाने को कहा है। टैक्स जमा करवाने के लिए जीएसटी विभाग ने नोटिस भी भेज दिए हैं।

रबड़ फुटवियर मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के प्रधान नीरज अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस के केस बढ़ने के साथ इंडस्ट्री को सरकार से राहत की उम्मीद थी लेकिन जीएसटी विभाग ने डवलपमेंट टैक्स जमा करवाने के लिए नोटिस भेज दिए हैं। इससे कारोबार पूरी तरह चौपट हो जाएगा।

सस्ती बिजली और मशीनरी की खरीदारी पर सब्सिडी की मांग

रबड़ फुटवियर मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के महासचिव कपिल पुंछी ने कहा कि सरकार से उम्मीद लगाना छोड़ दिया है। सरकार 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली देने के वायदे से मुकर गई है। कोरोना काल में इंडस्ट्री को नजरअंदाज किया जा रहा है। इंडस्ट्री को सस्ती बिजली, बैंकों से मिलने वाले ऋण पर ब्याज दर कम, मशीनरी की खरीदारी पर सब्सिडी मिलनी चाहिए।

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