Flood Control: सतलुज के किनारे मजबूत करने पर खर्च होंगे 79 लाख, 300 मनरेगा वर्कर्स काम में जुटे

पिछले साल सतलुज की बाढ़ ने शाहकोट समेत कई सबडिवीजनों में तबाही मचाई थी। इस बार डीसी घनश्याम थोरी ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की बात कही है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 05:39 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 05:39 PM (IST)
Flood Control: सतलुज के किनारे मजबूत करने पर खर्च होंगे 79 लाख, 300 मनरेगा वर्कर्स काम में जुटे
Flood Control: सतलुज के किनारे मजबूत करने पर खर्च होंगे 79 लाख, 300 मनरेगा वर्कर्स काम में जुटे

जालंधर, जेएनएन। जिले की तीन सब डिवीजनों में सतलुज दरिया के किनारों को मज़बूत करने के लिए 79 लाख रुपये के कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। 300 के करीब मनरेगा वर्कर्स सब डिविज़न फिल्लौर, नकोदर और शाहकोट में मिट्टी/रेत के साथ बाढ सुरक्षा प्रबंधों को तेजी के साथ पूरा करने में जुटे हैं। इस सप्ताह सारा काम पूरा कर लिया जाएगा। एसडीएम और ड्रेनेज विभाग के अधिकारी सारी किनारे मजबूत करने की प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।

बता दें कि पिछले साल सतलुज में बाढ़ के कारण शाहकोट सहित कई क्षेत्रों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था। करीब दो सप्ताह तक बाढ़ के पानी में फंसे रहे। प्रशासन ने उन तक मदद पहुंचाने के लिए सैन्य बलों के हेलिकॉप्टरों की मदद लेनी पड़ी थी।

डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि इस काम के लिए फंड और मानवीय स्रोतों की कोई कमी नहीं है। अगर जरूरत पड़ी तो इन कार्यों को पूरा करने के लिए और राशि खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता सतलुज दरिया के किनारों, जिसमें लसाड़ा, म्यूंवाल, माउ साहब, इसमायलपुर और अन्य स्थानों को हर कीमत पर मजबूत करना है।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से बरसात में किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पहले ही पुख्ता प्रबंध किए जा चुके हैं। हर विभाग किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। डीसी थोरी ने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकालकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।

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