ऐश करने के लिए दफ्तर नहीं दिया तो दोस्तों ने पीटा, युवक ने 12 दिन बाद तोड़ा दम Jalandhar News

एएसआइ कुलविंदर सिंह का कहना है कि जब उन्होंने बयान दर्ज किए तो दूसरे युवक यादविंदर ने इसे सड़क हादसा ही बताया था। यह बयान उसके परिजनों के सामने लिए गए थे ।

By Sat PaulEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 10:25 AM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 01:15 PM (IST)
ऐश करने के लिए दफ्तर नहीं दिया तो दोस्तों ने पीटा, युवक ने 12 दिन बाद तोड़ा दम Jalandhar News
ऐश करने के लिए दफ्तर नहीं दिया तो दोस्तों ने पीटा, युवक ने 12 दिन बाद तोड़ा दम Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। लड़की को रात भर रखने के लिए दफ्तर न देने पर तीन युवकों ने अपने दोस्त को डीएवी फ्लाईओवर के ऊपर बेसबेट व पंच से बेरहमी से पीट दिया। जख्मी युवक के साथ मौजूद उसके ममेरे भाई ने उसे तुरंत राहगीरों की मदद से अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद बयान लेने आई पुलिस ने जानलेवा हमले का केस दर्ज करने के बजाय इसे सड़क हादसे का मामला बना डाला। इसकी पूरी पोल तब खुली, जब उसके परिजन पुलिस की कारगुजारी की शिकायत लेकर उसके पुलिस कमिश्नर के दफ्तर पहुंच गए और 12 दिन बाद जख्मी युवक ने दम तोड़ दिया। मरने वाले युवक की पहचान जनता कालोनी निवासी मनप्रीत सिंह उर्फ जग्गा (20) पुत्र बलविंदर सिंह के रूप में हुई है। वहीं पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होने से गुस्साए परिजनों ने आरोपितों पर हत्या का केस दर्ज नहीं होने तक उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।

बताते हैं कि छह अक्टूबर को हुई उक्त घटना की जांच पुलिस ने नौ अक्टूबर को शुरू की थी। मनप्रीत के ममेरे भाई यादविंदर सिंह (19) ने पुलिस को बताया कि वह बाइक पर सावर हो अपने भाई मनप्रीत के साथ जा रहा था। इस दौरान डीएवी फ्लाईओवर पर पहुंचने पर पीछे से तेज रफ्तार बाइक पर आए उनके तीन दोस्तों ने उन्हें टांग से धक्का देकर गिरा दिया। इसके बाद उन तीनों युवकों ने उन्हें बेसबेट और पंच से बुरी तरह पिटाई की और उन्हें मरा समझ कर मौके से फरार हो गए। वह जख्मी मनप्रीत को लोगों को मदद से लेकर तुरंत निजी अस्पताल पहुंचा। इस बयान पर पुलिस को मामले की जांच कर कायदे से तो हमलावरों के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने यादविंदर के बयान को काटते हुए इस घटना को सड़क हादसे में बदल कर रख दिया।

पुलिस कमिश्नर दफ्तर में शिकायत दी

मनप्रीत के मौसा जगविंदर सिंह ने उक्त मामले में पुलिस कमिश्नर दफ्तर में शिकायत देकर मामले में इंसाफ मिलने की मांग की है। उन्होंने शिकायत में कहा कि मनप्रीत बस्ती अड्डा के पास स्थित मच्छली मार्केट में स्थित इंडो फाइनेंस कंपनी में काम करता था। रविवार छह अक्टूबर को मनप्रीत अपने ममेरे भाई यादविंदर सहित अपने अन्य तीन दोस्तों के साथ ऑफिस में था। इस दौरान मनप्रीत के दोस्तों ने उसे कहा कि वह आज रात ऑफिस खुला छोड़ कर चले जाए, ताकि वह एक लड़की को कॉल कर वहां बुला सारी रात रख सकें। मनप्रीत ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया और ऑफिस बंद बाइक पर यादविंदर के साथ घर जा रहा था। इसी बीच रास्ते में उनके तीनों दोस्तों ने उन पर हमला कर दिया।

हमलावरों पर केस दर्ज होने के बाद ही बेटे का संस्कार करेंगे

मनप्रीत के परिजनों की ओर से पुलिस कमिश्नर दफ्तर में शुक्रवार दोपहर को शिकायत दी गई थी, जिस समय तक वह अस्पताल में जिंदगी के लिए मौत से लड़ रहा था, लेकिन शुक्रवार देर रात को उसकी मौत हो गई। मनप्रीत की मौत के बाद उसके परिजनों का गुस्सा पुलिस की सुस्त कार्रवाई पर ऐसा भड़का की उन्होंने शनिवार को थाना एक का घेराव कर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं, उन्होंने घोषणा की कि वह अपने बच्चे का अंतिम संस्कार तभी करेगें, जब पुलिस हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। फिलहाल मृतक का शव निजी अस्पताल की मोर्चरी में ही रखा गया है।

पहले हादसे के दिए बयान : एएसआइ

इस बारे में थाना एक के एएसआइ कुलविंदर सिंह का कहना है कि जब उन्होंने बयान दर्ज किए तो दूसरे युवक यादविंदर ने इसे सड़क हादसा ही बताया था। यह बयान उसके परिजनों के सामने लिए गए थे और साइन भी कराए गए थे। अब वे हत्या के आरोप लगा रहे हैं।

पोस्टमार्टम के बाद करेंगे आगे की कार्रवाई : एसीपी नॉर्थ

एसीपी नॉर्थ जसबिंदर सिंह ने कहा कि पीडि़त परिवार ने पहले पुलिस को हादसे की जानकारी दी थी, जिस कारण उस समय हमलावरों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया। उक्त परिवार की ओर से शुक्रवार को सीपी दफ्तर में शिकायत दी गई थी, इसकी जांच मैं खुद कर रहा हूं। घटना के दिन की कॉल डिटेल और कॉल लोकेशन निकलवा मामले में आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। वहीं रविवार को मृतक का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा, ताकि साफ हो जाए कि मौत का असल कारण क्या था। 

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