Festive Season: फेस्टिवल सीजन में महंगाई की मार, जालंधर में 30 % तक बढ़े खाद्य पदार्थों के दाम

Festive Season व्यापारियों की मानें तो बरेली में शिमला मिर्च की फसल बर्बाद होने के कारण ही दामों में इजाफा हुआ है। इसके अलावा लोकल सब्जियों की आमद में देरी होने का असर दामों में बढ़ोतरी के रूप में सामने आया है।

By Sham Sehgal Edited By: Publish:Wed, 05 Oct 2022 08:45 AM (IST) Updated:Wed, 05 Oct 2022 08:45 AM (IST)
Festive Season: फेस्टिवल सीजन में महंगाई की मार, जालंधर में 30 % तक बढ़े खाद्य पदार्थों के दाम
खाद्य पदार्थों पर महंगाई का बोझ पड़ गया है। (सांकेतिक)

शाम सहगल, जालंधर। फेस्टिवल सीजन में भारी-भरकम खर्च के बीच अब खाद्य पदार्थों पर महंगाई का बोझ पड़ गया है। चावल, दालें और नमक से लेकर विभिन्न प्रकार की सब्जियों के दामों ने तीन माह के बीच ही आंखें तरेर ली हैं। मंडी में इन दिनों अधिकतर सब्जियों के दाम 50 रुपये से लेकर 180 रुपये प्रति किलो तक है। हालांकि, रिफाइंड, पाम आयल और सरसों के तेल के दामों में हुई गिरावट कुछ राहत जरूर दे रही है।

180 रुपये प्रति किलो तक पहुंचे मशरूम के दाम

तीन माह के दरम्यान खाद्य पदार्थों के दामों का आंकड़ा देखा जाए तो अधिकतर उत्पाद 25 से लेकर 30 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। यह पहला अवसर है जब अक्टूबर माह में शिमला मिर्च के दाम 130 और मशरूम के दाम 150 से लेकर 180 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं।

फलों के दामों में भारी इजाफा

व्यापारियों की मानें तो बरेली में शिमला मिर्च की फसल बर्बाद होने के कारण ही दामों में इजाफा हुआ है। इसके अलावा लोकल सब्जियों की आमद में देरी होने का असर दामों में बढ़ोतरी के रूप में सामने आया है। उधर, फलों के दामों में भारी इजाफे के बाद यह आम लोगों की पहुंच से दूर हो गए हैं।

लोकल सब्जियों में है अभी देरी

इस बारे में सब्जियों के थोक व रिटेल विक्रेता विकास गुलाटी बताते हैं कि लोकल सब्जियों की आमद में देरी के चलते दामों में इजाफा हो रहा है। मौसम बदलने से पहले ही फिर से गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे सब्जियों के तैयार होने से पहले फिर से मुरझा रही हैं।

पहाड़ी इलाकों से मंगवाया जा रहा सामान

इसी तरह सब्जी विक्रेता जगदीश कुमार बताते हैं कि लोकल सब्जियां तैयार नहीं हुई हैं। इसके चलते सब्जियों की आपूर्ति के लिए अधिकतर सामान पहाड़ी इलाकों से मंगवाया जा रहा है। वहां से सब्जियां लाने में होने वाले परिवहन खर्च व खराब होने के चलते दामों में इजाफा हो रहा है।

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