निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों को रेट डिस्प्ले करने के आदेश

नशा छुड़ाओ केंद्रों की मनमानी पर नकेल कसने को सेहत विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Dec 2019 06:55 PM (IST) Updated:Tue, 24 Dec 2019 06:11 AM (IST)
निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों को रेट डिस्प्ले करने के आदेश
निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों को रेट डिस्प्ले करने के आदेश

जागरण संवाददाता, जालंधर : नशा छुड़ाओ केंद्रों की मनमानी पर नकेल कसने को सेहत विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बूर्फीनोरफिन के दाम कम करने के बाद सेहत विभाग ने नशा छुड़ाओ केंद्रों पर दाम डिस्प्ले करने का चाबुक चलाया है।

सेहत विभाग ने दो माह पहले निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों में बूर्फीनोरफिन की गोलियों के मनमाने दाम वसूलने पर रोक लगाई थी। इसके बाद निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों ने दवा का घाटा पूरा करने के लिए ओपीडी पर्ची, मनोचिकित्सक की फीस तथा मरीज को दाखिल करने का खर्च बढ़ा दिया था। ऐसे में अब सेहत विभाग ने नशा छुड़ाओं केंद्रों में लोगों को महंगे इलाज से निजात दिलाने के लिए रेट का डिस्प्ले करने का फरमान सुनाया।

सिविल सर्जन डॉ. गुरिदर कौर चावला ने बताया कि सेहत विभाग की डायरेक्टर डॉ. अवनीत कौर द्वारा मरीजों से मनमर्जी से फीस वसूलने के मामले रोकने के लिए पुख्ता कदम उठाए गए है। निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों को ओपीडी पर्ची फीस, मनोचिकित्सक डॉक्टर की फीस तथा मरीज को दाखिल करने का खर्च सार्वजानिक स्थल पर डिस्प्ले करने की हिदायतें दी है। इस संबंध में जिले से 14 निजी नशे छुड़ाओ केंद्रों को पत्र जारी कर दिया गया है। आदेशों का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर, सेहत विभाग के फरमान के बाद निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों के डॉक्टरों में अफरातफरी का माहौल है। डॉक्टर गुप्त बैठकें कर समस्या का समाधान करने का रास्ता तलाशने का प्रयास कर रहे है। नशा छुड़ाओ केंद्र का रिकॉर्ड खंगाला

जालंधर : निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों में नशा छुड़ाने वाले लोगों के इलाज का लेखा जोखा रखने के मामले की सेहत विभाग की टीम ने जांच की। सोमवार को बाद दोपहर सिविल सर्जन डॉ. गुरिदर कौर चावला की अगुआई में डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. अमन सूद व ड्रग इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह जांच पड़ताल करने के लिए सत करतार नशा छुड़ाओ केंद्र में गए। टीम ने नशा छुड़ाओ केंद्र का दौरा किया और सुविधाओं का जायजा लिया। इसके अलावा इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की सेल परचेज के रिकॉर्ड की भी गहन जांच पड़ताल की। जांच के मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. गुरिदर कौर चावला ने संतुष्टि जताई है। उन्होंने कहा कि विभाग के आला अधिकारियों की ओर से निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों में दवाइयों के स्टॉक में घालमेल की आशंका को लेकर सख्त रवैया अख्तियार किया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी