जालंधर DC दफ्तर में किसानों का धरना जारी, लोग परेशान, फूंके जाएंगे केंद्र और राज्य सरकार के पुतले

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का डीसी दफ्तर के बाहर धरने का आज चौथा दिन है। जिला व पुलिस प्रशासन किसानों की समस्या का समाधान करने के अलावा परिसर खाली करवाने में नाकाम साबित हुई है। यहां आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Tue, 29 Nov 2022 01:54 PM (IST) Updated:Tue, 29 Nov 2022 02:35 PM (IST)
जालंधर DC दफ्तर में किसानों का धरना जारी, लोग परेशान, फूंके जाएंगे केंद्र और राज्य सरकार के पुतले
सबसे ज्यादा परेशानी वाहन चालकों को हो रही है।

जागरण संवाददाता, जालंधर। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का डीसी दफ्तर के बाहर धरने का आज चौथा दिन है। जिला व पुलिस प्रशासन किसानों की समस्या का समाधान करने के अलावा परिसर खाली करवाने में नाकाम साबित हुई है। मंगलवार को डीसी आफिस खुलने के बाद लोगों और स्टाफ के लिए परेशानियां शुरू हो गई। किसान मांगों को लेकर बाद दोपहर केंद्र व राज्य सरकार के पुतले फूंकेंगे।

किसानों ने पार्किंग स्थल पर धरना लगाने से लोगों को वाहन खड़े करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि ठेकेदार ने मामले को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई। इसके अलावा वहां फार्म बेचने वाले टाइपिस्ट तथा ओथ कमिश्नरों को दिक्कतें हो रही है। धरने में किसानों की संख्या भी बढ़ने लगी है। वहीं किसानों ने मांगे पूरी न होने पर संघर्ष तेज करने की चेतावनी दी है।

मंगलवार को जिला प्रशासन कांप्लेक्स के गेट की एक साइड खोली, दूसरी साइड में बैरिकेड लगाए गए हैं। इसकी वजह से छोटे- बड़े वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यहां ट्रैफिक जाम की स्थिति भी बन रही है। वहीं पार्किंग स्थल में जगह न होने की वजह से ज्यादातर लोगों पुड्डा कांप्लेक्स में अपने वाहन खड़े किए हैं। इससे पहले शनिवार को बड़ी संख्या में किसान जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स में ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर घुस गए थे और धरना शुरू किया था।

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रदेश संगठन सचिव सुखविंदर सिंह सभरा व जिला प्रधान सलविंदर सिंह जानिया ने कहा कि सरकार ने मांगे न पूरी तो एक दिसंबर को महिला संगठन भी बड़े स्तर पर संघर्ष में जुड़ेंगी।  संगठन जत्थेबंदी द्वारा मांगों को लेकर प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों के आगे धरना लगाकर डीसी दफ्तर में अनिश्चितकालीन समय के लिए धरने पर बैठे हैं। किसान, मजदूर, महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग भी धरने का हिस्सा ले रहे हैं। किसान रात को ट्रालियों में ही बिस्तर लगा कर सो रहे हैं। पुलिस के साथ किसान भी रात को पहरा दे रहे हैं। जिला प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति के लिए इमरजेंसी एंबुलेंस 108 भी तैनात कर दी है। वहीं लंगर शाहकोट से तैयार होकर आ रहा है। इस अवसर पर अन्यों के अलावा जिला प्रेस सचिव हरप्रीत सिंह कोटली गाजरां, जिला खजांची जगदीश पाल सिंह चक्क बाहमणिया, बलजिंदर सिंह राजेवाल, गुरपाल सिंह ईदां, सतनाम सिंह, प्रेस सचिव सरबजीत सिंह ढंडोवाल, किशनदेव मियाणी, निर्मल सिंह ढंडोवाल, लवप्रीत सिंह कोटली, दलबीर सिंह मियाणी, रंजीत सिंह बल नौ, जगतार सिंह चक्क बाहमणिया, पाल सिंह, बलविंदर सिंह, बलदेव सिंह कुहाड़, वीरू जगतपुरा, कुलदीप राय तलवंडी संघेड़ा, जगतार सिंह चक्क वडाला, वस्सन सिंह कोठा, सुखदेव सिंह मल्ली, सोनू खानपुर, जोगिंदर सिंह मंडाला छन्ना मौजूद थे।

बढ़ने लगी किसानों व ट्रालियों की संख्या

प्रधान सलविंदर सिंह जानिया ने बताया कि आने वाले दिनों में संघर्ष तेज होगा। रोजाना किसानों की संख्या बढ़ रही है। धरने में ट्रालियों की संख्या दस हो गई है। आने वाले दिनों में भी ट्रालियों की संख्या बढ़ेगी। किसान शौच व नहाने के लिए वाटर सप्लाई के दफ्तर में जा रहे है।

किसानों की मुख्य मांगें

सरकार गरीब किसानों की जमीनों की कुरकिया बंद करे। किसान मजदूरों पर किए झूठे पर्चे रद करे। पराली को संभालने के लिए सरकार किसानों को मुआवजा दे या उसका खुद प्रबंध करे। बिजली एक्ट 2022 का विरोध। पहल के आधार पर डा. स्वामिनाथन की रिपोर्ट लागू की जाए। चिट्टी बेईं, सतलुज, ब्याज आदि दरियाओं में जालंधर, लुधियाना, फिल्लौर समेत अन्य शहरों में सीवरेज का गंदा पानी प्राकृतिक स्रोतों को दूषित कर रहा है, इसको ट्रीट कर नहरों से खेतीबाड़ी के लिए दिया जा सकता है। पंजाब सरकार अंदोलन व चुनाव मेनिफेस्टो में किए वायदों सहित अन्य मांगें शामिल है।
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