चाइनीज डोर पर छह महीने के लिए लगाई पाबंदी, जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किए आदेश Jalandhar News

चाइनीज डोर से होने वाले हादसों की भयानकता को देखते हुए यह पाबंदी लगाई गई है। इस आदेश में चाइनीज डोर को बेचने व स्टोर करने से लेकर इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी गई है।

By Sat PaulEdited By: Publish:Thu, 09 Jan 2020 10:42 AM (IST) Updated:Thu, 09 Jan 2020 05:27 PM (IST)
चाइनीज डोर पर छह महीने के लिए लगाई पाबंदी, जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किए आदेश Jalandhar News
चाइनीज डोर पर छह महीने के लिए लगाई पाबंदी, जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किए आदेश Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। जिला मजिस्ट्रेट वरिंदर शर्मा ने अगले छह महीने के लिए पूरे जिले में चाइनीज डोर पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। बुधवार को धारा 144 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए जिला मजिस्ट्रेट ने यह आदेश जारी किए। 

चाइनीज डोर से होने वाले हादसों की भयानकता को देखते हुए यह पाबंदी लगाई गई है। इस आदेश में चाइनीज डोर को बेचने व स्टोर करने से लेकर इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी गई है। यह आदेश 30 जून तक लागू रहेंगे। 'दैनिक जागरण' ने चाइनीज डोर के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को इस डोर से होने वाले नुकसान से बचाना है ताकि कोई भी शहरवासी इसकी चपेट में आकर उम्र भर का जख्म न ले पाए।

गुप्त तरीके से बेची जा रही चाइना डोर

लोगों के खुशियों भरे जीवन पर अभिषाप की तरह मंडराती चाइनीज डोर के कारोबार पर अभी तक किसी तरह का कोई अंकुश नहीं लग पाया है। थोड़े से फायदे के लिए दुकानदार इसे बेच रहे हैं। यह अलग बता है कि इस डोर को दुकानों पर न रखकर गुप्त तरीके से बेजा जा रहा है। वहीं, इस डोर के कारण जिन लोगों को जिंदगी भर के घाव मिले हैं, वे लोगों को हाथ जोड़ कर निवेदन कर रहे हैं कि इस डोर से दूर ही रहें। कुछ पल की खुशियों के लिए इसका इस्तेमाल आपके लिए ही नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी घातक साबित हो सकता है।

सड़कों पर ही हो रही चाइनीज डोर की बिक्री

दुकानदारों ने खूनी चाइनीज डोर की बिक्री करने के लिए खास नेटवर्क तैयार किया हुआ है। इसके तहत अब इसकी बिक्री दुकान की बजाये आसपास के इलाकों में गुप्त ढंग से सड़कों पर की जा रही है। शहर में गुरु बाजार, शेखां बाजार, अली मोहल्ला, इमाम नासिर, गुड़ मंडी, चरणजीतपुरा, बस्ती गुजां अड्डा व लाडोवाली रोड रेलवे फाटक के पास इसकी बिक्री की जा रही है।

सुशीला देवी के घुटने बताते हैं चाइनीज डोर का दर्द

इंदिरा पार्क निवासी सुशीला देवी के घुटने चाइनीज डोर का दर्द बयां करते हैं। सुशीला देवी चीमा नगर पार्क के पास सैर कर रही थीं। शाम की सैर के बाद वो वापिस घर जाने लगीं तो उनको अपने पैरों में डोर सी महसूस हुई। अभी उतारने लगी थीं कि एक तेज रफ्तार कार वहां से निकली जिसमें डोर फंस गई और डोर इतनी पक्की थी कि टूटने की बजाए उनको गिरा दिया और साथ घसीटने लगी जिससे उनको घुटने जख्मी हो गए।

बेटे दक्ष को आज भी पंतग उड़ाने की इजाजत देने से डरते हैं पिता संदीप

2019 का सोमवार का दिन संदीप को आज भी डराता है और वो भी इतना कि अपने बेटे दक्ष को पतंग उड़ाने की इजाजत देने से भी डरते हैं। नेशनल पार्क नंदनपुर रोड मकसूदां के रहने वाले संदीप अपने बेटे दक्ष (6) को स्कूल से लेने के लिए गए। वापस बाइक पर आ रहे थे तो रास्ते में चाइनीज डोर उनके बेटे के चेहरे पर फिर गई और आंख, कान व नाक को चीर गई। उस हादसे के बाद पतंगबाजी से नफरत हो गई।

बच्चों को बचाने में कट गईं थी लखविंदर सिंह की अंगुलियां

किशनगढ़ निवासी लखविंदर सिंह आज भी अपनी अंगुलियों को देखते हैं तो उन्हें डर लगता है। 2018 में लोहड़ी से एक दिन पहले वो बाइक पर दो भतीजों को स्कूल से घर ला रहे थे। बीच सड़क आगे डोर आ गई। बच्चों को बचाने के लिए उन्होंने अपने हाथ से डोर पकड़ ली तो उनकी सारी अंगुलियां कट गईं। हाथों से खून बहता देख कर उनके भतीजे रोने लगे। चाइनीज डोर से मिले जख्म आज भी हरे हैं। उस दिन की याद आते ही आज भी सिहर उठता हूं।

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