जालंधर पुलिस डीएवी स्कूल में बलिदानी भगत सिंह की 115वीं जयंती मनाई, विद्यार्थियों में विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई

जालंधर में पुलिस डीएवी स्कूल में बलिदानी भगत सिंह की जयंती धूमधाम से मनाई। इस मौके पर दूसरी से बारहवीं तक विद्यार्थियों में स्लोगन लिखने देश भक्ति से संबंधित कविताएं सुनाने पेंटिंग बनाने पोस्टर मेकिंग व लेख लिखने की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।

By Ankit SharmaEdited By: Publish:Wed, 28 Sep 2022 04:48 PM (IST) Updated:Wed, 28 Sep 2022 04:48 PM (IST)
जालंधर पुलिस डीएवी स्कूल में बलिदानी भगत सिंह की 115वीं जयंती मनाई, विद्यार्थियों में विभिन्न प्रतियोगिताएं करवाई
जालंधर पुलिस डीएवी स्कूल में बलिदानी भगत सिंह की जयंती मनाई गई।

जागरण संवाददाता, जालंधर। पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल में आज बलिदानी भगत सिंह की 115वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर प्रिंसिपल डा. रश्मि विज ने सरदार भगत सिंह की तस्वीर पर श्रद्धा पुष्प अर्पित किए और छात्रों को बलिदानी भगत सिंह की तरह अपनी जिंदगी में हर एक काम बड़े सच्चे ढंग के साथ करने व अपने देश को प्यार करने का संदेश दिया। इस अवसर पर प्रिंसीपल डॉ रश्मि विज के साथ सुपरवाइजर सिनी मल्होत्रा भी उपस्थित थे। दूसरी से बारहवीं तक विद्यार्थियों में स्लोगन लिखने, देश भक्ति से संबंधित कविताएं सुनाने, पेंटिंग बनाने, पोस्टर मेकिंग व लेख लिखने की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। सिखरप्रीत ने कविता भगत सिंह मेरा नाम होवे और प्रभनूर सिंह ने कविता इंकलाब जिंदाबाद मंच पर आकर सुनाई। अध्यापकों के द्वारा पांचवी कक्षा के बच्चों को सरदार भगत सिंह के जीवन की जानकारी संबंधित गतिविधि का आयोजन किया गया।

स्कूल में बच्चे सरदार भगत सिंह की तरह केसरी पगड़ी व सफेद कुर्ते पजामे पहन कर आए। सारा स्कूल इंकलाब जिंदाबाद के नारों के साथ गूंज उठा। इस मौके पर भगत सिंह का नारा इंकलाब जिंदाबाद बच्चों द्वारा ही बनाया गया। इस कार्यक्रम की तैयारी सभी पंजाबी शिक्षकों और को-आर्डिनेटर कविता, गार्गी और रश्मि भल्ला की देखरेख में की गई । इसी तरह से सेठ हुकम चंद पब्लिक स्कूल न्यू प्रेम नगर में भी बलिदानी भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। विद्यार्थियों की तरफ से भाषण व विचारों के जरिए याद किया गया।

प्रिंसिपल ममता बहल ने विद्यार्थियों से कहा कि देश को आजाद करने में अहम भूमिका निभाने वाले सचिन नायक व रोल माडल बलिदानी भगत सिंह ही हैं। सभी को उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलते हुए नए भारत और उज्जवल भारत की तस्वीर सभी को पेश करनी होगी। यही सच्चे बलिदानियों के लिए श्रद्धांजलि है, क्योंकि यही सपना देखते हुए भगत सिंह की तरफ से छोटी सी उम्र में ही हंसते-हंसते हुए देश की आजादी के लिए अपने प्राणों तक की परवाह नहीं की गई थी। अंत में सभी विद्यार्थियों ने वचन दिया कि वे देश का नाम गौरव से स्वर्ण अक्षरों में लिखेंगे और देश की खुशहाली, तरक्की के लिए खूब मेहनत करेंगे।

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