कमाही देवी में 25 नवंबर को धूमधाम से होगा तुलसी विवाह का आयोजन

मां कामाक्षी दरबार कमाही देवी में तुलसी विवाह 25 नवंबर को मनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 Nov 2020 04:04 PM (IST) Updated:Sat, 21 Nov 2020 04:04 PM (IST)
कमाही देवी में 25 नवंबर को धूमधाम से होगा तुलसी विवाह का आयोजन
कमाही देवी में 25 नवंबर को धूमधाम से होगा तुलसी विवाह का आयोजन

संवाद सहयोगी, दातारपुर : मां कामाक्षी दरबार कमाही देवी में तुलसी विवाह 25 नवंबर को मनाया जाएगा। तपोमूर्ति महंत राज गिरी जी ने बताया कि शास्त्रों के मुताबिक तुलसी विवाह में माता तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम के साथ किया जाता है। उन्होंने कहा यह हिदू धर्म का प्रमुख पर्व है। मान्यता है कि जो व्यक्ति तुलसी विवाह का अनुष्ठान करता है उसे कन्यादान के बराबर पुण्य फल मिलता है। महंत जी ने कहा हर साल कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन तुलसी विवाह किया जाता है। इस साल यह एकादशी 25 नवंबर को शुरू होकर 26 को समाप्त होगी। तुलसी विवाह का आयोजन 25 नवंबर को किया जाएगा। कुछ स्थानों पर तुलसी विवाह द्वादशी के दिन भी किया जाता है।

कौन सा है शुभ मूहुर्त

महंत जी ने कहा एकादशी तिथि प्रारंभ 25 नवंबर, सुबह 2:42 बजे से होगा और 26 नवंबर, सुबह 5:10 बजे तक एकादशी तिथि का समापन होगा। द्वादशी तिथि का आरंभ 26 नवंबर, सुबह पांच बजकर 10 मिनट पर होगा। 27 नवंबर, सुबह सात बजकर 46 मिनट पर इसका समापन होगा। कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी भी कहते हैं।

क्या है विवाह की पूजन विधि

महंत जी ने बताया कि तुलसी के पौधे के चारों ओर मंडप बनाएं और तुलसी के पौधे पर लाल चुनरी चढ़ाएं। इसके बाद तुलसी के पौधे को श्रृंगार की चीजें अर्पित करें। भगवान गणेश और भगवान शालिग्राम की पूजा करें। भगवान शालिग्राम की मूर्ति का सिंहासन हाथ में लेकर तुलसीजी की सात परिक्रमा कराएं। आरती के बाद विवाह में गाए जाने वाले मंगलगीत के साथ विवाहोत्सव पूर्ण किया जाता है। उन्होंने बताया कि दरबार से बरात का आयोजन 25 नवंबर को किया जाएगा और बरात नजदीक गांव बह नंगल जाएगी जहां पूरे रीति रिवाज के साथ विवाह की रस्में संपन्न की जाएंगी।

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