राम भरोसे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था, नहीं हो रहा वन वे का पालन
जागरण संवाददाता होशियारपुर शहर में ट्रैफिक पुलिस व प्रशासन के अधिकारी ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के दावे करते नहीं थकते।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर
शहर में ट्रैफिक पुलिस व प्रशासन के अधिकारी ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के दावे करते नहीं थकते। मगर सभी दावों के उल्ट शहर में दिन प्रतिदिन ट्रैफिक व्यवस्था चरमराती जा रही है। या यूं कहें कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था राम भरोसे हो तो कुछ गलत नहीं होगा। शहर की कोई सड़क या बाजार ऐसा होगा जहां राहगीरों को उलझी हुई ट्रैफिक व्यवस्था का दंश न झेलना पड़े। अगर देखा जाए तो शहर के कमालपुर चौक से घंटाघर चौक तक दिन के समय बड़े वाहनों का प्रवेश बंद है। कमालपुर चौक में इसको दर्शाता एक बोर्ड भी लगा रखा है। इसी तरह से रेलवे रोड पर बडे़ वाहनो के प्रवेश के लिए बैरीकेड लगा रखे हैं। मगर हकीकत के उल्ट कई बार दिन के समय इस बाजार में बड़े वाहन गुजरने से जाम की स्थिती बन जाती है। इसी तरह जालंधर रोड की बात करें तो इस रोड पर भी वाहनों के पार्किग के लिए यैलो लाइन लगाई गई है। मगर अकसर देखने में आता है कि इस बाजार में खरीदारी करने के लिए आए लोग सड़क के बीच में गाड़ी पार्क कर देते हैं जिससे अकसर जाम लगता है। कभी कभार ट्रैफिक पुलिस की टो-वैन इस रोड पर हरकत में आती दिखाई देती है मगर यह सिललिसा भी दो-चार दिन चलता है।
शहर के पुराने बाजारों में शुमार बस्सी ख्वाजू, कश्मीरी बाजार, कोतवाली बाजार, वकीलां बाजार की बात करें तो यहां ट्रैफिक समस्या और भी विकराल स्थिती में नजर आती है। जिसका कारण है कि यहां एक तो दुकानदारों द्वारा किया गया अतिक्रमण व दूसरा ग्राहकों द्वारा पार्क किए जाने वाले आढे़ टेड़े वाहन।
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आटो चालकों की मनमानी से लगते अकसर जाम
ट्रैफिक समस्या का सबसे बड़ा कारण आटो भी हैं। आटो चालक अकसर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं। सड़कों पर दौड़ते यह आटो चालक न तो स्पीड कंट्रोल में रखते हैं और न ही इन्हें किसी ट्रैफिक नियम का ध्यान होता है। बस सवारियां उठाने की होड़ है। अब तो इलैक्ट्रिक रिक्शा वाले भी आग में घी का काम कर रहे हैं। शहर की तंग गलियां जहां पैदल जाना भी मुश्किल है पैसे के चक्कर में वहां पर भी यह अपना वाहन घुसा देते हैं फिर चाहे आम जनता जितनी भी तंग क्यों न हो। ---------------- चालान काटने में व्यस्त ट्रैफिक पुलिस
शहर के चौक चौराहों पर तैनात ट्रैफिक मुलाजिमों की बात करें तो यह भी ट्रैफिक कंट्रोल करने की बजाए चालान काटने में ही मशगूल दिखते हैं। शहर के चौको में अकसर देखा जाता है कि यहां ट्रैफिक पुलिस मुलाजिम तैनात तो होते हैं। मगर उनके सामने ही राहगीर ट्रैफिक जाम से उलझते प्रशासन को कोसते नजर आते हैं। मगर इन चौकों में तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मी ट्रैफिक को सुचारू बनाने की बजाए चालान काटने को ही अपनी ड्यूटी समझते हैं।