फटकार के बाद फटाफट लिखी एफआइआर

हजारी लाल, होशियारपुर जिगर का टुकड़े लापता होने पर परिजन आंसू बहाते हैं, पुलिस के पास जाकर गिड़गिड़ा

By Edited By: Publish:Sat, 20 Dec 2014 02:09 AM (IST) Updated:Sat, 20 Dec 2014 02:09 AM (IST)
फटकार के बाद फटाफट लिखी एफआइआर

हजारी लाल, होशियारपुर

जिगर का टुकड़े लापता होने पर परिजन आंसू बहाते हैं, पुलिस के पास जाकर गिड़गिड़ाते हैं मगर उनकी सुनवाई नहीं होती है। महज रपट लिखकर अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री कर ली जाती है। मगर, अब अदालत ने ऐसे मामलों पर भौंहें तानी तो पुलिस की आंख खुल गई। महीनों तक अपहरण का पर्चा दर्ज करने से कन्नी काटने वाली पुलिस अब थोक भाव में अपहरण का पर्चा करके अपनी खाल बचाने की कोशिश कर रही है।

एसपी (डी) रजिंदर सिंह ने कहा कि अदालत के आदेशों के बाद पर्चे दर्ज किए जा रहे हैं। पहले लापता की रपट दर्ज की जाती थी, लेकिन अब ऐसे मामलों में मामले ही दर्ज किए जाएंगे। पुलिस लापता बच्चों को ढूंढ़ने की कोशिश करेगी।

ढाई माह बाद अपहरण का पर्चा

होशियारपुर के भीम नगर का सोनू कुमार (14) पुत्र मुरारी पांच अक्टूबर को लापता हो गया था। पिता मुरारी ने पहले बच्चे को ढूंढ़ा। कोई सुराग न मिलने पर थाना माडल टाउन के समक्ष गुहार लगाई। पुलिस ने रपट लिखकर खानापूर्ति कर दी। अब अचानक मुरारी को फोन करके थाने बुलाया। बच्चे की फोटो ली। बयान दोबारा से दर्ज करवाया और अपहरण का पर्चा दर्ज करके एफआइआर की कापी मुरारी को थमा दी है। मुरारी खुद हैरान है कि पुलिस को क्या हो गया। वह रुंधे गले से कहता है कि उसे विश्वास नहीं हो रहा है कि पुलिस उसके जिगर के टुकड़े को ढूंढ़ पाएगी। मूल रूप से लखमिनिया बेगूसराय बिहार के रहने वाला मुरारी यहां एक फैक्ट्री में काम करता है। बेटा सोनू सातवीं कक्षा में पढ़ता था। बेटे के लापता होने से परिजन बहुत परेशान हैं।

सवा साल बाद सुनवाई

दसूहा की 13 वर्षीय रमा दिमागी तौर पर परेशान थी। 13 सितंबर 2013 को घर से अचानक लापता हो गई थी। परिजनों ने फौरी तौर पर इसकी शिकायत की थी, लेकिन पहले रपट दर्ज करके इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। पुलिस ने अब सवा साल बाद अपहरण का पर्चा दर्ज किया है।

एक माह बाद पुलिस को आई याद

गढ़दीवाला में रहने वाले जोगराज का 17 वर्षीय लड़का मंगू मंदबुद्धि का था। गत 12 नवंबर को वह घर से गायब हो गया। जोगराज ने इसकी पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने रपट ही दर्ज की थी। अब पुलिस जागते हुए एक माह के बाद अपहरण का मामला दर्ज किया है।

सात माह पर्चा दर्ज करने की आई याद

बजवाड़ा कलां से सिंह बहादुर की लड़की 17 वर्षीय लड़की पिंकी गत 25 मई को घर से अचानक गायब हो गई थी। उसी समय पुलिस को शिकायत की गई थी, लेकिन अपहरण का मामला सदर पुलिस ने सात माह बाद दर्ज किया है।

डेढ़ माह बाद दर्ज किया मामला

हरियाना निवासी कोमल का लड़का संटी गत 5 नवंबर को स्कूल गया मगर घर नहीं लौटा। हरियाना पुलिस को इसकी शिकायत की गई थी, लेकिन पुलिस ने अपहरण का मामला अब जाकर दर्ज किया है।

छह माह से गायब है टांडा की सिमरनजीत कौर

टांडा के जाजा निवासी गुरमेल सिंह की दोहती सिमरनजीत कौर (15) गत 25 जून को घर से गायब हो गई थी। शिकायत मिलने पर पुलिस ने रपट दर्ज करके औपचारिकता पूरी कर दी थी, लेकिन अब पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज करके फुर्ती दिखा दी है।

मेरा बेटा भी लापता, पुलिस ढूढ़ने में गंभीरता नहीं दिखाती

मेरा बेटा भी लापता हुआ है, मगर पुलिस है कि उसके दर्द को समझ नहीं रही है। मैं बेटे को पाने के लिए दर-दर ठोंकरे खा रहा हूं। ऐसी दास्तां सुनाई विजय नगर में रहने वाले रविंदर ने। रविंदर का बेटा सौरभ (6) घर के बाहर से गत 17 अगस्त को लापता हो गया था। थाना माडल टाउन में इसके लापता होने की शिकायत की गई थी। बीस दिन के बाद पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया था, मगर आज तक उसके बेटे का कोई सुराग नहीं लगा है। दिहाड़ीदार रविंदर ने अपने बेटे के लिए इधर-उधर मारा-मारा फिर रहा है।

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