छीना ने सिखा दिया लोगों को जीना; कोरोना से गांंव की लड़ाई PM को भायी, 24 लाख का इनाम
कोरोना वायरस से जंग में ग्राम पंचायत छीना देश की रोल मॉडल बन गई है। पीएम मोदी गांव को 24 लाख का इनाम दिया है।
बटाला [विनय कोछड़]। Coronavirus COVID_19 से जंग में जहां दुनिया बेदम दिख रही है, वहीं गुरदासपुर जिले के गांव छीना ने कोरोना से लड़ाई जीत लोगों को जिंदगी जीना सिखा दिया। गांव छीना की कोरोना से लड़ाई में निभाई भूमिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भा गई। उन्होंने ग्राम पंचायत छीना में शारीरिक दूरी छह फुट रखने की न सिर्फ प्रशंसा की बल्कि देश की सभी ग्राम पंचायतों से छीना पंचायत की इस पहल को अपनाने की सलाह भी दी है।
यही नहीं ग्राम पंचायत छीना ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के तहत देश की रोल मॉडल भी बनी है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को 24 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है। केंद्रीय सोशल साइट पर भी ग्राम पंचायत छीना का नाम अपलोड किया गया है। इसे कई राज्यों के मंत्री लाइक कर रहे हैं।
युवा सरपंच पंथदीप।
ग्राम पंचायत छीना की इस सफलता का श्रेय युवा सरपंच पंथदीप को जाता है। पंथदीप बचपन से हील पंचायत में विकास का दीप जलाना चाहते हैं। मास्टर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स की डिग्री के बाद उन्हें सरकारी नौकरी भी मिली, लेकिन इसे उन्होंने पंचायत में विकास का सपना साकार करने के लिए छोड़ दिया। फिर उन्होंने पंचायत का चुनाव लड़ा तो उन्हें सर्वसम्मति से सरपंच चुन लिया गया। इसके बाद गांव में विकास की ऐसी बुनियाद रखी कि अब छीना गांव किसी मेट्रो सिटी से कम नहीं लगता है। गांव में शिक्षा से लेकर रोजगार तक की हर सुविधा उपलब्ध है।
गांव में बही विकास की बयार
पीएम को भेजी गांव के विकास योजनाओं पर लिखी 238 पेज की किताब
ग्राम सरपंच पंथदीप सिंह ने गांव छीना के विकास पर लिखी 238 पेजों की एक किताब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी है। इसमें गांव के विकास पर बनाई गई योजनाएं बताई गई हैं। इससे प्रभावित हो पीएम गांव छीना को जीपीडीपी के तहत चयनित किया। 24 लाख रुपये की इनाम राशि को खर्च करने के लिए ग्राम पंचायत ने खाका तैयार कर लिया है। यह इनाम राशि रोजगार के साधन उपलब्ध कराने, गांव के विकास और नारी सशक्तीकरण पर खर्च होगी।
कोरोना की दस्तक से पहले ही क्वारंटाइन हो गया था गांव, पीएम ने की प्रशंसा
कोरोना की लड़ाई में भी गांव की भूमिका हमेशा याद रखी जाएगी, क्योंकि कोरोना की दस्तक के बाद कर्फ्यू से पहले ही इस गांव के लोगों ने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया था। बाहरी राज्यों से आए ग्रामीणों को गांव के कॉलेज में होम क्वारंटाइन किया गया था, जो अब ठीक होकर घर चले गए हैं। गांव में राहत सामग्री के वितरण भी शारीरिक दूरी का खास ध्यान रखा जाता है। प्रधानमंत्री ने भी ग्राम पंचायत छीना में शारीरिक दूरी छह फुट रखने की प्रशंसा की है।
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