नहीं हुआ सिक लाइन का उद्घाटन, जीएम बोले, सरकार की वजह से लटका प्रोजेक्ट
उत्तर रेलवे के जीएम टीपी सिंह ने शुक्रवार को फिरोजपुर रेलवे डिवीजन में सिक लाइन का उद्घाटन करना था। इसके लिए समय शाम साढ़े पांच बजे रखा गया था लेकिन देरी होने की वजह से उद्घाटन नहीं हो सका।
अमनदीप सिंह, फिरोजपुर : उत्तर रेलवे के जीएम टीपी सिंह ने शुक्रवार को फिरोजपुर रेलवे डिवीजन में सिक लाइन का उद्घाटन करना था। इसके लिए समय शाम साढ़े पांच बजे रखा गया था, लेकिन देरी होने की वजह से उद्घाटन नहीं हो सका। सिक लाइन में फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारी मुंह ताकते रह गए और उनकी जीएम टीपी सिंह के स्वागत में की गई तैयारियां धरी की धरी रह गई। एडीआरएम ने सिक लाइन पहुंचकर मैकेनिकल सेक्शन के उच्चाधिकारियों का हौसला बढ़ाया और कहा कि जीएम के देरी हो जाने के कारण और सिक लाइन कुछ काम अभी बाकी होने के कारण उद्घाटन कार्यक्रम टाल दिया है।
जीएम ने फिरोजपुर-पट्टी रेल लिक प्रोजेक्ट अधर में लटके होने को सीधे तौर पर पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर रेलवे को भूमि उपलब्ध करवाती है तो ये कार्य जल्द शुरू करवा दिया जाएगा, लेकिन सरकार इस कार्य में ढीला रवैया अपना रही है। रेलवे स्टेशन में जीएम टीपी सिंह ट्रैक, सेफ्टी, पब्लिक डिलिग, समस्याओं, जनता की मुख्य मांगों को सुना और समस्याओं का जल्द हल करने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में रेलवे ही ऐसा विभाग है जहां पर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है न कि किसी स्कैम को छुपाया जाता है। उनका विभाग जांच एजेंसियों को पूरी मदद करता है। इसके साथ जीएम ने कहा कि 2024 तक पूरे उत्तर रेलवे की रेलवे लाइटों को इलैक्ट्रानिक कर दिया जाएगा और यह कार्य युद्धस्तर पर विभाग द्वारा किया जा रहा है। रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा हेतू अनेकों सुधार किए जा रहे है। इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारियों की क्वार्टरों की भी विभाग ने पूरी मरम्मत करवाई और इस वक्त कोई भी क्वार्टर खस्ताहाल व्यवस्था में नहीं हैं।
4.57 करोड़ रुपये की सिक लाइन में होंगे 120 कोचों की होगी मरम्मत
डिवीजन में 4.57 करोड़ रुपये की लागत से सिक लाइन का उद्घाटन किया जाना है। इस प्रोजेक्ट से फिरोजपुर में ही 120 कोचों की मरम्मत की जा सकेगी। इसके साथ ही अब कोचों को जम्मू भी नहीं भेजना पड़ेगा। रेल अधिकारियों के मुताबिक हर महीने 10 कोच मरम्मत के लिए जम्मू भेजे जाते थे, जो की मरम्मत होने की प्रक्त्रिया के तहत 7-8 दिन में वापस आते थे। इस प्रक्त्रिया के चलते ही ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट की स्थिति रहती थी और लोगों को गाड़ियों में खड़े होकर सफर करना पड़ता था। ऐसे में अब फिरोजपुर डिवीजन में ही कोचों की मरम्मत की जाएगी और इससे समय की बचत होगी और लाखों रुपए भी रेलवे के बचेंगे। सिक लाइन के शुरू होने के बाद दिल्ली, मध्य प्रदेश, छिंदवाड़ा जम्मू ,कटड़ा, बठिंडा आदि शहरों पर जाने वाली ट्रेनों में मुसाफिरों को वेटिंग की समस्या से राहत मिलेगी।
शताब्दी और साधारण कोच की होगी मरम्मत
सिक लाइन में मरम्मत के लिए शताब्दी और साधारण कोचों को लाया जाएगा और मरम्मत की जाएगी। यह यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सिक लाइन बनाई गई है। सिक लाइन में जैक की व्यवस्था है। एक साथ इसमें चार कोच की मरम्मत की जा सकेगी। इससे ट्रेनों ज्यादा कोच की उपलब्धता रहेगी।