ढींगावाली में कौवों की मौत के बाद मिला मृत कबूतर

अबोहर के गांव ढींगावाली में वीरवार को फिर एक कबूतर मृत पाया गया है जबकि पिछले सप्ताह 22 कौवे मृत मिलने पर जंगली जीव रक्षा विभाग व पशु पालन विभाग ने सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 10:28 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 10:28 PM (IST)
ढींगावाली में कौवों की मौत के बाद मिला मृत कबूतर
ढींगावाली में कौवों की मौत के बाद मिला मृत कबूतर

संवाद सहयोगी, अबोहर : अबोहर के गांव ढींगावाली में वीरवार को फिर एक कबूतर मृत पाया गया है, जबकि पिछले सप्ताह 22 कौवे मृत मिलने पर जंगली जीव रक्षा विभाग व पशु पालन विभाग ने सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे।

गांव ढींगावाली के पूर्व सरपंच एडवोकेट सुशील ढींगावाली ने बताया वीरवार सुबह करीब 11 बजे एक कबूतर आकर गिरा जिसके मुंह से लार टपक रही थी व कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी यहां कौवें मृत पाए गए थे व एक वर्कशाप पर कुछ कबूतर मृत पाए गए थे, जिसे पशु पालन विभाग ने दफना दिया गया, लेकिन इसकी जांच नहीं की। उनका आरोप है कि पशु पालन विभाग के डाक्टरों ने छप्पड़ के पानी व बीठ के सैंपल तो लिए लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की व न ही लोगों को इस बारे जागरूक किया कि मृत पक्षियों को कैसे दफनाया जाए या क्या परहेज व सावधानी बरती जाएं। उन्होंने डिटी कमिश्नर समेत पंजाब सरकार व पशु पालन विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि गांव में रोजाना हो रही पक्षियों की मौत की गंभीरता से जांच करवाई जाएं व इस बारे लोगों को भी जागरूक किया जाए। डेढ़ सौ से अधिक सैंपल लेकर भेजे जा चुके हैं: डा. शेखावत

जंगली जीव रक्षा विभाग व पशु पालन विभाग की ओर से गांव ढींगावाली के सरकारी हाई स्कूल में सेमिनार लगाकर लोगों को जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम में विशेषरूप से जीव रक्षा विभाग की रेंज अफसर अनीता रानी व वैटनरी विभाग के डा. विशाल शेखावत सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। डा. विशाल ने कहा कि ढींगावाली गांव सहित करीबन एक दर्जन से अधिक गांवों में डेढ़ सौ से अधिक सैंपल भरे जा चुके हैं। इन सैंपलों में बर्ड फलू के लक्षण नहीं मिले। मृत पक्षी मिलने पर विभाग को दें सूचना : डा. शेखावत

डा. शेखावत ने कहा कि यदि आपको कहीं मृत पक्षी मिलते हैं तो विभाग को सूचित करें। रेंज अफसर अनीता रानी ने कहा कि सेंक्चूरी क्षेत्र में अलग-अलग जगहों से लगभग 50 सैंपल लेकर जांच के लिए जालंधर भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई पक्षी मृत मिलता है तो उसे पांच फुट गहरे गड्ढे में चूना के साथ दबा दें।

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