वेतन न मिलने से परेशान बीएसएनएल वर्करों ने निकाली रोष रैली

संवाद सहयोगी, फाजिल्का : बीएसएनएल केजुअल एंड कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन के नेतृत्व में बीएसएनएल की जिला

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Feb 2019 10:42 PM (IST) Updated:Tue, 05 Feb 2019 10:42 PM (IST)
वेतन न मिलने से परेशान बीएसएनएल वर्करों ने निकाली रोष रैली
वेतन न मिलने से परेशान बीएसएनएल वर्करों ने निकाली रोष रैली

संवाद सहयोगी, फाजिल्का : बीएसएनएल केजुअल एंड कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन के नेतृत्व में बीएसएनएल की जिला शाखा के कर्मचारियों ने छह माह से वेतन न मिलने के विरोध में मंगलवार को फाजिल्का कार्यालय के आगे रोष रैली की गई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। रैली का नेतृत्व कर फिरोजपुर के उपप्रधान सुरजीत ¨सह शाहपुरिया व फाजिल्का प्रधान बूटा ¨सह का कहना है कि वेतन न मिलने से बच्चों की स्कूल की फीस नहीं दे पाए हैं और तो और परिवार का गुजारा करना बहुत ही मुश्किल हो गया है। विभाग की ओर से वेतन न देने की प्रताड़ना देने के अलावा उन्हें संघर्ष को विराम लगाने की धमकियां देने का भी आरोप लगाया है।

प्रधान बूटा ¨सह ने बताया कि वह बीएसएनएल में पिछले लगभग 20-25 वर्ष से सालों से कार्य कर रहे हैं, लेकिन पिछले कई महीनों से उनके वेतन नहीं मिल रहे, जिस कारण उनको अपने घरों का गुजारा करना मुश्किल हो गया है। नेताओं ने कहा कि जब उनकी तरफ से वेतन की मांग की जाती है, तो उनको कार्य से निकाल देने की धमकियां दी जाती है और कार्य पर रखने से मना किया जाता है। उन्होंने कहा कि कार्य से हटाने से पहले कोई नोटिस नहीं दिया जाता। कर्मचारियों के प्रति उच्च अफसरों का व्यवहार अच्छा नहीं है। उनका कहना है कि अगर बीएसएनएल बंद भी होता है, तो उच्च अधिकारी किसी ओर विभाग में तबदील कर दिए जाएंगे, लेकिन उनको सहित वर्करों को कोई काम नहीं मिल सकेगा। वेतन न मिलने के कारण घरों के गुजारे के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी बच्चों की फीस कई माह से लटकी हुई है। नेताओं ने कहा कि अगर उनकी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता तो वे संघर्ष तेज करने के लिए मजबूर होंगे, जिसके अच्छे बुरे परिणाम की जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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