जिला फाजिल्का में 85 कालोनियों में जमीन की रजिस्ट्री पर रोक

पंजाब सरकार ने राज्य में सभी तरह की अवैध कालोनियों में काटे गए प्लाट व बनाए गए मकानों की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 May 2022 10:14 PM (IST) Updated:Fri, 27 May 2022 10:14 PM (IST)
जिला फाजिल्का में 85 कालोनियों में जमीन की रजिस्ट्री पर रोक
जिला फाजिल्का में 85 कालोनियों में जमीन की रजिस्ट्री पर रोक

जागरण टीम, फाजिल्का/अबोहर/जलालाबाद : पंजाब सरकार ने राज्य में सभी तरह की अवैध कालोनियों में काटे गए प्लाट व बनाए गए मकानों की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। आदेश में कहा गया है कि पंजाब अवैध कालोनियों की गंभीर समस्या का सामना कर रहा है और जिसका परिणाम बेतरतीब शहरीकरण के रूप में सामने आ रहा है। सरकार के इस कड़े रुख की गाज फाजिल्का, अबोहर व जलालाबाद में भी कई अवैध कालोनियों पर गिरती नजर आ रही है। ऐसे में उन कालोनियों में रहने वाले या उनमें जगह खरीद का सौदा कर चुके लोगों के लिए बड़ी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

जिले की तहसील जलालाबाद की बात करें तो यहां बनाई गई आठ के करीब कालोनियों के कागज व पैसे तो जमा हैं, लेकिन यह कालोनियां अभी तक रजिस्टर्ड नहीं हुई, जबकि ऐसी ही स्थिति फाजिल्का में भी है। फाजिल्का में 26 के करीब कालोनियों के कागज व पैसे जमा हैं, जबकि कईयों के कागज भी अधूरे हैं, जिस कारण अभी तक वह रजिस्टर्ड नहीं हो पाई हैं। इसके अंलावा अवैध कालोनियों के निर्माण में अबोहर भी अछूता नहीं रहा है। यहां भी अवैध कालोनियों का निर्माण धड़ले से हो रहा है। यही कारण है कि अबोहर नगर निगम के अधीन क्षेत्र में कुल 61 से अधिक कालोनियां है, लेकिन हैरानीजनक बात है कि इनमें से मात्र 10 कालोनियों को छोड़कर शेष 51 से अधिक कालोनियां अवैध है। इतना ही नहीं अवैध कालोनियों में भी प्लाट वैध कालोनियों के भाव के अनुसार ही बेचे जाते है व प्लाट बेचते समय प्लाट खरीददारों से तरह तरह की सुविधाओं के सपने तो दिखाए जाते है लेकिन बाद में प्लाट खरीददारों को सड़क, पीने का पानी, सीवरेज सिस्टम जैसी सुविधाएं नहीं मिल पातीं, वहीं लोगों की जीवन भर की बचत भी डूब जाती है।

फाजिल्का के ईओ मंगत राम, जलालाबाद के अधिकारियों व अबोहर नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा पहले ही अवैध कालोनियों को लेकर एनओसी नहीं दी जाती, जिसे एनओसी दी जाती है, उस पर लिखा जाता है कि यह रकबा उन कालोनियों के बीच में आता है या नहीं। इसके अलावा बकायदा उनके पास लिस्ट मौजूद है। वहीं फाजिल्का के तहसीलदार राजेश अग्रवाल, जलालाबाद के तहसीलदार शशीपाल सिंह व अबोहर के नायब तहसीलदार अविनाश चंद्र का कहना है कि उनके द्वारा पहले भी बिना रजिस्टर्ड वाली कालोनियों की रजिस्ट्री नहीं की जाती थी, जबकि अब तो इस बार पूरी सख्ती बरती जा रही है। एनओसी के बिना किसी की भी रजिस्टरी नहीं की जा रही।

दो दिन में कम हुआ रजिस्ट्रियों का कार्य

फाजिल्का तहसील में हर रोज 15 से 20, अबोहर में 10 से 15 और जलालाबाद में 10 के करीब रजिस्ट्रियां रोजाना होती थी, लेकिन पंजाब सरकार के आदेशों के बाद इस बार सख्ती दिखाते हुए एनओसी के बिना वाले लोगों को वापस लौटाया जा रहा है, जिससे इन रजिस्ट्रियों के कार्य में भी कमी आई है। फाजिल्का में शुक्रवार को सुबह दो घंटे तक तहसील परिसर में रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों का इंतजार किया गया, लेकिन कोई नहीं आया, जबकि नायब तहसीलदार राजेश अग्रवाल के मुताबिक फाजिल्का शहर की बजाए गांवों की तरफ अधिक कालोनियां होने से रजिस्ट्रियों में कुछ कमी आई है।

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