डेरा प्रमुख को दोषी करार देने के बाद अबोहर में बढ़ाई सुरक्षा

अबोहर : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सिरसा के पत्रकार हत्या मामले में दोषी करार देने के बाद पुलिस व प्रशासन ने शहर व आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jan 2019 11:16 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jan 2019 11:16 PM (IST)
डेरा प्रमुख को दोषी करार देने के बाद अबोहर में बढ़ाई सुरक्षा
डेरा प्रमुख को दोषी करार देने के बाद अबोहर में बढ़ाई सुरक्षा

जागरण संवाददाता, अबोहर : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सिरसा के पत्रकार हत्या मामले में दोषी करार देने के बाद पुलिस व प्रशासन ने शहर व आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है। शुक्रवार को एसडीएम पूनम ¨सह ने शहर के सुभाष नगर स्थित व गांव कीकरखेड़ा स्थित डेरों पर सुरक्षा प्रंबंधों का जायजा लिया। उनके साथ नायब तहसीलदार खुइयां सरवर अविनाश चंद्र, नायब तहसीलदार अबोहर बर¨जदर ¨सह व अन्य अधिकारी मौजूद थे। शहर के चप्पे चप्पे पर पुलिस टुकडि़यों की तैनाती की गई और शहर तथा आसपास के क्षेत्रों में बने मंदिरों, गुरुद्वारों आदि पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई। सरकारी अस्पताल की एएमओ व दमकल विभाग को भी प्रंबंध पूरे रखने के लिए कहा गया। शहर में असलहा व तेजाब की दुकानें बंद रही।

सुरक्षा के तहत सुभाष नगर के डेरे के लिए नायब तहसीलदार खुईयां सरवर अविनाश चंद्र, किकरखेड़ा के नामचर्चा घर के लिए नायब तहसीलदार बर¨जदर ¨सह, डेरा सच्चा सौदा खुईयां सरवर के लिए बिजली बोर्ड के एसडीओ कुलदीप सिह, नामचर्चा घर सीतो गुन्नो के लिए ईटीओ रविन्द्र मोहन शर्मा, बस स्टेंड अबोहर के लिए मार्केट कमेटी अधिकारी सुलोध बिश्रोई, 220 वीके बिजली घर मलोट रोड पर मैनेजर मार्कफेड अबोहर ¨छदरपाल, 66 केवी बिजली ग्रिड गंगानगर रोड के लिए लाल चंद मैनेजर पंजाब एग्रो की ड्यूटियां लगाइ गई हैं।

अबोहर के गांव किक्करखेड़ा में हुआ था राम रहीम का जन्म

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का जन्म 15 अगस्त 1967 को अबोहर के गांव किक्करखेड़ा में उनके ननिहाल में हुआ था। बचपन के कुछ साल उन्होंने मामा चंद ¨सह और कर्म ¨सह के साथ इसी गांव में बिताए थे। अब मामा कर्म ¨सह का तो स्वर्गवास हो चुका है और कर्म सिंह का एक बेटा सिरसा डेरे में ही रहता है। दूसरे मामा चंद ¨सह का परिवार गांव में ही एक ढाणी में रहता है। इस गांव में भी नाम चर्चा घर व डेरे की ओर से डिस्पेंसरी बनी हुई है। डेरा प्रमुख बनने के बाद वह केवल एक या दो बार ही इस गांव में आए।

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