सी एवं एच फार्म जमा कराने को मिली मोहलत

एक सितंबर को सी एवं एच फार्म के जमा करवाने की अंतिम तिथि को पंजाब सरकार ने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है।

By Edited By: Publish:Thu, 10 Sep 2020 08:51 AM (IST) Updated:Thu, 10 Sep 2020 08:51 AM (IST)
सी एवं एच फार्म जमा कराने को मिली मोहलत
सी एवं एच फार्म जमा कराने को मिली मोहलत

मुनीश शर्मा, लुधियाना : एक सितंबर को सी एवं एच फार्म के जमा करवाने की अंतिम तिथि को पंजाब सरकार ने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है। इससे जहां इंडस्ट्री ने राहत की सांस ली है वहीं फरवरी से जीएसटी और वैट रिफंड के अटकने से इंडस्ट्री को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इंडस्ट्री को इस बकाए के न आने से बैंक लिमिट में ब्याज भरना पड़ रहा है। इंडस्ट्री का तर्क है कि कोरोना महामारी के दौरान उद्योग धंधे पहले ही चौपट हैं। फंड की भी भारी कमी है। ऐसे में उद्यमियों का वर्किंग कैपिटल फंसा हैं। उनकी मांग है कि जीएसटी एवं वैट रिफंड भी तुरंत दिलाया जाए। ताकि उद्यमियों को आर्थिक राहत मिल सके। इसको लेकर उद्यमियों की ओर से शीघ्र एक प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अम¨रदर ¨सह को भी भेजी जाएगी। ताकि इस अहम मुद्दे को लेकर कैबिनेट की बैठक में चर्चा हो और इंडस्ट्री को राहत देने के लिए सरकार बकाए को शीघ्र जारी कर दे। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर के प्रदेश वाइस चेयरमैन व¨रदर शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से फार्म की तिथि में बदलाव कर एक बड़ी राहत दी गई है। इस समय उद्योगपति और व्यापारी पहले ही बेहद परेशान हैं और ऐसे में फार्म मंगवाने और जमा करवाने में भारी परेशानी थी। ऐसे में सरकार ने राहत देकर अहम कदम उठाया है। अभी तक तीन सौ करोड़ से अधिक का वैट रिफंड न मिलना एक बड़ी समस्या है। इसको लेकर सरकार को सजग होना चाहिए। अंबिका साइकिल के एमडी अशोक गुप्ता के मुताबिक इंडस्ट्री के लिए यह कठिन दौर है। ऐसे में सरकार को भी राहत देने के लिए कम से कम जो पैसा इंडस्ट्री का सरकारी विभाग के पास है, उसे रिलीज कर ही बड़ी राहत दी जा सकती है। फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एवं कमर्शियल आर्गेनाइजेशन (फीको) प्रधान गुरमीत कुलार के मुताबिक वैट प्रक्रिया को बंद हुए इतने साल बीत गए हैं, लेकिन रिफंड के लिए अभी तक कई तरह की अड़चने लगाई जा रही है। सरकार को पुराने बकाए को कम डाक्यूमेंटेशन के साथ शीघ्र रिलीज करना चाहिए। कोहिनूर साइकिल के एमडी अनिल सचदेवा के मुताबिक वैट की धीमी रफ्तार के बाद अभी जीएसटी के लिए भी परेशानी हो रही है। इसको लेकर फास्ट ट्रैक काम हो और ऑनलाइन सिस्टम जनरेशन से रिफंड जारी किए जाए। अगर कोई कमी है, तो ऑनलाइन के माध्यम से ही इसका समाधान कर इंडस्ट्री को राहत देनी चाहिए। जब सब कुछ डिजिटल हो रहा है, तो रिफंड भी पूर्ण ऑनलाइन प्रक्रिया से समय सीमा में हो।

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