सीईए के खिलाफ फूटा डॉक्टरों का गुस्सा, एक्ट की प्रतियां फूंकी

फतेहगढ़ साहिब क्लीनिकल संशोधन एक्ट (सीईए) के विरोध में मंगलवार को प्रदेश भर के डॉक्टर हड़ताल पर रहे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Jun 2020 11:40 PM (IST) Updated:Tue, 23 Jun 2020 11:40 PM (IST)
सीईए के खिलाफ फूटा डॉक्टरों का गुस्सा, एक्ट की प्रतियां फूंकी
सीईए के खिलाफ फूटा डॉक्टरों का गुस्सा, एक्ट की प्रतियां फूंकी

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : क्लीनिकल संशोधन एक्ट (सीईए) के विरोध में मंगलवार को प्रदेश भर के डॉक्टर हड़ताल पर रहे। जिले में 44 निजी अस्पतालों समेत लैबरोटरियां और स्कैन सेंटर भी बंद रखे गए। जिले में डॉक्टरों का गुस्सा इस एक्ट के खिलाफ फूटा और उन्होंने एक्ट की प्रतियां फूंकते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. अमरप्रीत सिंह की अगुआई में समूह डॉक्टरों ने एडीसी अनुप्रिता जौहल को सीईए एक्ट को वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। जिला महासचिव डॉ. नितिन बित्थर ने कहा कि सरकार ने सीईए एक्ट लागू कर डॉक्टरों और मरीजों से धक्का किया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए पूरे पंजाब में निजी अस्पताल, लैबोरेटरी और स्कैन सेंटर बंद किए गए और फतेहगढ़ साहिब में भी सभी 44 निजी अस्पतालों समेत छोटे स्वास्थ्य संस्थान भी बंद रहे। उन्होंने कहा कि जब यह एक्ट केंद्र सरकार ने लागू किया था तो कहा था कि प्रत्येक प्रदेश सरकार को अधिकार होगा कि वह इस एक्ट को लागू करे या न करे। मेडिकल क्षेत्र में पहले ही 43 एक्ट लागू है, फिर इस एक्ट को लागू करने की क्या जरूरत थी। कहा कि पंजाब सरकार सरकारी सेहत विभाग को सही तरह चलाने में नाकामयाब रही है और सरकार राजिदरा मेडिकल कॉलेज को भी प्राइवेट करने की कोशिश कर रही है, जबकि प्राइवेट अस्पताल पहले ही 75 फीसद सेहत सेवाएं आम लोगों को दे रहे हैं। इस एक्ट के एक जुलाई से लागू होने पर फीस के रेट पांच गुणा अधिक हो जाएंगे, जिसका बोझ डॉक्टरों और मरीजों पर पड़ेगा। इस कारण प्रत्येक अस्पताल में सभी तरह का इलाज करना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस एक्ट को वापस नहीं लिया तो संघर्ष को ओर तेज किया जाएगा। इस अवसर पर दीपकजोत सिंह, डॉ. सहजप्रीत सिंह भी मौजूद रहे।

उधर, जय मिलाप लैबोरेटरी एसोसिएशन ने भी डॉक्टरों का समर्थन करते हुए एक्ट की प्रतियां फूंकी। डॉक्टरों की हड़ताल के चलते सिविल अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड़ ज्यादा रही। यहां 300 से अधिक मरीज चेकअप करवाने पहुंचे थे।

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