आयोडीन की कमी से बच्चे होते हैं मंदबुद्धि : सिविल सर्जन

संवाद सहयोगी, फरीदकोट सिविल सर्जन डॉ. र¨जदर कुमार की अगुवाई में संचालित ट्रे¨नग के विस्तृत प्रोग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Jan 2018 04:34 PM (IST) Updated:Wed, 17 Jan 2018 04:34 PM (IST)
आयोडीन की कमी से बच्चे होते हैं मंदबुद्धि : सिविल सर्जन
आयोडीन की कमी से बच्चे होते हैं मंदबुद्धि : सिविल सर्जन

संवाद सहयोगी, फरीदकोट

सिविल सर्जन डॉ. र¨जदर कुमार की अगुवाई में संचालित ट्रे¨नग के विस्तृत प्रोग्राम की कड़ी में जिले में आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों के बारे में सैंपल सर्वे के लिए संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को एक विशेष ट्रे¨नग दी गई। इसके नोडल अधिकारी डॉ. संजीव सेठी की अगुवाई में इस ट्रे¨नग सेशन में स्टेट हेड क्वाटर से आए डॉ. नीकिता की टीम ने स्टाफ को तकनीकी प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण हासिल करने वालों में संबंधित सेहत संस्थाएं नोडल अधिकारी व सेहत सुपरवाइजर शामिल थे।

सिविल सर्जन डॉ. र¨जदर कुमार ने बताया कि इस सैंपल सर्वे में जिले के चु¨नदा स्कूल के बच्चों के यूरिन सैंपल लिए जाएंगे और क्षेत्र में से नमक के सैंपल लिए जाएंगे। इन सैंपलों को टेस्ट के लिए चंडीगढ़ भेजा जाएगा। प्रोग्राम अधिकारी डॉ. सेठी ने बताया कि आयोडीन हमारी खुराक में एक महत्वपूर्ण तत्य हैं और इस की बहुत कमी मात्रा में जरूरत होती है। इसकी कमी से गंभीर परिणाम हो सकते है। गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी के कारण मंदबुद्धि बच्चे पैदा हो सकते है। बच्चों में इसकी कमी के कारण बच्चों के शरीरिक व मानसिक विकास में कमी आ सकती है। इसकी कमी से गिल्लड़ रोग हो सकता है। भोजन में इसकी हर रोज जरूरत को खाने में आयोडीन नमक का इस्तेमाल करके पूरा किया जा सकता है। इसके साथ ही सिविल सर्जन ने जन साधारण को यह अपील की कि खाने में सिर्फ व सिर्फ आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल किया जाए ताकि मुकम्मल सेहतमंद बच्चों का जन्म हो सके और बच्चों का शरीरिक, मानसिक व बौधिक विकास हो सके। इस मौके पर प्रोग्राम कोआर्डिनेटर जसवंत ¨सह एसएलटी व कुलदीप कुमार आदि भी उपस्थित थे।

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