इस साल सुखना लेक से फ‍िर छोड़ा जाएगा पानी, 1160 फीट के पास पहुंचा वाटर लेवल Chandigarh News

पिछले साल की तरह ही इस बार भी सुखना लेक का पानी सुखना चौ के रास्ते घग्गर नदी में छोड़ा जाएगा। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही सुखना चौ की सफाई कराई थी।

By Sat PaulEdited By: Publish:Thu, 18 Jul 2019 02:03 PM (IST) Updated:Thu, 18 Jul 2019 02:03 PM (IST)
इस साल सुखना लेक से फ‍िर छोड़ा जाएगा पानी, 1160 फीट के पास पहुंचा वाटर लेवल Chandigarh News
इस साल सुखना लेक से फ‍िर छोड़ा जाएगा पानी, 1160 फीट के पास पहुंचा वाटर लेवल Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। सिटी ब्यूटीफुल की लाइफलाइन सुखना लेक लगातार दूसरे साल पानी से लबालब होने वाली है। मानसून की बारिश शुरू होने के साथ ही सुखना लेक का जलस्तर बेहतर स्थिति में पहुंच गया है। सुखना लेक का वॉटर लेवल 1160 फीट होने वाला है। कैचमेंट एरिया में नियमित अंतराल के बाद हो रही बरसात से पानी सुखना लेक में पहुंच रहा है। एक दो और अच्छी बरसात होती है तो सुखना का जलस्तर 1163 फीट को पार कर जाएगा। 1163 फीट वह स्तर होता है, जिसमें सुखना रेगुलेटर एंड पर फ्लड गेट खोलकर पानी सुखना चौ में निकालना पड़ता है।

ऐसे में पिछले साल की तरह ही इस बार भी सुखना लेक का पानी सुखना चौ के रास्ते घग्गर नदी में छोड़ा जाएगा। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही सुखना चौ सहित सभी चौ की सफाई कराई थी। इससे पानी के रास्ते में कोई रुकावट न बने। उधर, यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर अधिकारियों से लगातार लेक की स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

साल 2008 के बाद तीसरी बार होगा ऐसा

अगर इस साल भी फ्लड गेट खोलकर सुखना लेक का पानी चौ में निकालना पड़ा तो 2008 के बाद यह तीसरा मौका होगा। दस साल बाद पिछले साल 2018 में फ्लड गेट खोले गए थे। दिनभर इन्हें खोलकर पानी निकाला गया था। हालांकि 2017 में सुखना लेक का बड़ा हिस्सा सूख गया था। वॉटर लेवल कम होकर 1150 से भी नीचे चला गया था। लेक में बोटिंग तक बंद करनी पड़ी थी। रेगुलेटरी एंड की तरफ लेक के बीच में रास्ता बन गया था। हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्रशासन ने ग्राउंड वॉटर लेवल से पाइप लाइन बिछाकर सुखना में पानी डालना शुरू कर दिया गया था।

लेक में अब अमेरिकी कमल

सुखना लेक में अमेरिकी कमल एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है ।रेगुलेटर एंड पर एक बड़ा हिस्सा इसने कवर कर लिया है। अमेरिकी कमल और वीड कई बार लेक की रंगत को बिगाड़ चुके हैं। वीड निकालने के लिए लाखों रुपये खर्च किए गए थे।

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