जिस साइड गाड़‍ियों की होगी लंबी लाइन, सेंसर से ऑटोमेटिक होगी Green Light

वाहन चालकों को ट्रैफिक जाम की स्थिति से नहीं जूझना पड़ेगा।

By Edited By: Publish:Sat, 23 Mar 2019 04:14 PM (IST) Updated:Sun, 24 Mar 2019 02:54 PM (IST)
जिस साइड गाड़‍ियों की होगी लंबी लाइन, सेंसर से ऑटोमेटिक होगी Green Light
जिस साइड गाड़‍ियों की होगी लंबी लाइन, सेंसर से ऑटोमेटिक होगी Green Light

जेएनएन, मोहाली। शहर में अब वाहन चालकों को ट्रैफिक जाम की स्थिति से नहीं जूझना पड़ेगा। ट्रैफिक लाइट्स प्वाइंट की जिस सड़क पर लंबी लाइन लगी होगी, सेंसर के जरिये से उस तरफ ऑटोमेटिक Green Light हो जाएगी। नगर निगम यह काम करवा रहा है। निगम की ओर से आरआर इलेक्ट्रॉनिक्स को इस काम का कांट्रेक्ट दिया गया है। जिसने अब सेंसर लगाने शुरू किए हैं।

पहले चरण में पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड और फेज-8 में बीच के चौराहे की ट्रैफिक लाइट्स पर यह सेंसर लगाए गए हैं। उसके बाद फेज-7 एसएसपी की कोठी के पास स्थित ट्रैफिक लाइट्स और फेज-1 के पास फायर ब्रिगेड ऑफिस के पास ट्रैफिक लाइट्स पर सेंसर लगाए जा रहे हैं। इसके बाद दूसरे चरण में शहर के अन्य लाइट्स प्वाइंट्स पर भी यह सेंसर लगाए जाएंगे।

इसको लेकर निगम और ट्रैफिक पुलिस आपस में मिलकर काम कर रहे हैं और जो दूसरे चरण में सेंसर लगने हैं, उसके साथ बाकायदा कैमरे लगे होंगे। 360 डिग्री पर घूमकर जिस रोड पर वाहनों की लंबी लाइनें होंगी, उस तरफ की ऑटोमेटिक लाइट्स ये ग्रीन कर देंगे। इसके लिए काम किया जा रहा है। मोहाली पंजाब में पहला ऐसा जिला बन गया है, जिसकी ट्रैफिक लाइट्स सेंसरवाली हैं और इसके जरिये चौक पर लगी ट्रैफिक लाइट्स पर ऑटोमेटिक सिग्नल का काम किया जाता है।

चितकारा यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने तैयार किया था सॉफ्टवेयर

जिस सीसीटीवी कैमरा युक्त सेंसर प्रोजेक्ट को ट्रैफिक पुलिस शहर की ट्रैफिक लाइट्स प्वाइंट पर लगाने के लिए प्रोजेक्ट लेकर आ रही है। उसका सॉफ्टवेयर चितकारा यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने तैयार किया था। इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस को स्टूडेंट्स मोहाली में ट्रायल भी दे चुके हैं और यह निगम के पुराने वायर सेंसर प्रोजेक्ट से काफी एडवांस है। ट्रैफिक पुलिस इस प्रोजेक्ट को हालांकि निगम के साथ मिलकर कर रहा है। लेकिन इसमें यह चीज देखने को मिली थी कि कैमरे 50 से 40 गाडि़यां कैप्चर कर रहे हैं।

ट्रैफिक पुलिस ने उसका वॉल्यूम बढ़ाने के लिए स्टूडेंट्स को कहा था कि कम से कम 100 गाडि़यां कैप्चर हो सकें। सिस्टम अपग्रेड करने के बाद दोबारा होगा ट्रायल इस सिस्टम को अपग्रेड करने के बाद इसका ट्रायल अभी दोबारा से किया जाना है। पहले में सड़क की खुदाई कर उससे सेंसर जोड़ा जाता था। जिस तरफ सेंसर को लगेगा कि ज्यादा गाडि़यों का वजन है, उधर का सिग्नलन हो जाना है। लेकिन जो प्रोजेक्ट अब आ रहा है, उसमें वायर का यूज नहीं है। उसकी जगह कैमरा लगा है, जो सड़क में उस तरफ का फोटो क्लिक करेगा, जिस ओर ज्यादा गाड़ियों की लाइन दिखेगी और उस हिसाब से ऑटो कट ग्रीन सिग्नल हो जाएगा।

आरआर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी को सौंपा है काम

आरआर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के हेड राजदीप ने बताया कि शहर की जितनी भी ट्रैफिक लाइट्स हैं, वे सब निगम के अधीन हैं और सबकी मेंटेनेंस का काम उनको सौंपा गया है। निगम कुछ समय पहले यह प्रोजेक्ट लेकर आया था। जिसके माध्यम से कुछ ट्रैफिक लाइट्स पर सेंसर लगाए जाने थे। लेकिन बीच में किसी कारण यह काम रुक गया था। लेकिन अब दोबारा से शुरू हो गया है।

पुलिस के सेंसर पर लगे सीसीटीवी कैमरे

इसके साथ ही जिस प्रोजेक्ट पर अब ट्रैफिक पुलिस काम कर रही है, उसमें वायर का इस्तेमाल नहीं होगा और न ही सड़कों की खुदाई करनी पड़ेगी। सेंसर के डिब्बे के बीच में ही एक कैमरा लगा होगा, जोकि सड़क के चारों तरफ 360 डिग्री पर घूमेगा। जिस रोड पर वाहनों की लंबी लाइन होगी, सेंसर उस तरफ के रोड का फोटो ऑटोमेटिक खींच लेगा। जिससे सेंसर उस तरफ की रोड की ऑटोमेटिक रेड लाइट को बीच में ही खत्म कर ग्रीन लाइट कर देगा। ट्रैफिक पुलिस यह प्रोजेक्ट नगर निगम के साथ मिलकर ला रही है और इस पर काम चल रहा है।

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