छतबीड़ जू में शेरों ने जिसे मारा, वह बहराइच का निकला, काम की तलाश में आया था
शेरों का शिकार हुए व्यक्ति की पहचान पुलिस ने कर ली है।
संवाद सहयोगी, डेराबस्सी (मोहाली) : छतबीड़ जू में रविवार को लायन सफारी में शेरों का शिकार हुए व्यक्ति की पहचान पुलिस ने कर ली है। मृतक जटाशंकर पुत्र हरि पति ¨सह उम्र करीब 35 वर्ष निवासी गांव भगड़ा, जिला बहराइच, उत्तरप्रदेश का रहने वाला था। परिवार में उसकी पत्नी के अलावा 5 वर्ष का बेटा एवं 4 वर्ष की बेटी है। उसके भांजे शैलेश मौर्य, जोकि र¨वदरा एनक्लेव, बलटाना, जीरकपुर का निवासी है और ऑनलाइन ट्रे¨डग का काम करता है, ने बताया कि जटाशंकर 5 दिन पहले ही उनके पास जीरकपुर में काम की तलाश में आया था, परंतु रविवार सुबह बिना किसी को बताए घर से निकल गया। शाम तक यह सोचते रहे कि हो सकता है वह अपने आप वापस आ जाएगा, परंतु जब रात तक भी घर नहीं लौटा, तो अगले दिन बलटाना स्थित पुलिस चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने पहुंचे, तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने छतबीड़ जू में अज्ञात व्यक्ति की मौत के बारे में बताते हुए उन्हें जो फोटो दिखाया, वह जटाशंकर का ही था। उसके बाद जांच अधिकारी के साथ डेराबस्सी सिविल अस्पताल की मोर्चरी में शाम को शव की पहचान की तो वह उसका ही निकला। बहराइच में कंप्यूटर इंस्टीट्यूट ठीक नहीं चलता था, इसी कारण था डिप्रेशन में
शैलेश मौर्य ने बताया कि वह ग्रेजुएट था और बहराइच में कंप्यूटर इंस्टीट्यूट चलाता था। परंतु काम ठीक न चलने की वजह से डिप्रेशन में था। पिछले कुछ वर्षो से गोरखपुर से उसका इलाज भी चल रहा था। जीरकपुर में काम की तलाश में आया था, चिड़ियाघर कैसे पहुंचा, मालूम नहीं। जीरकपुर के जांच अधिकारी एएसआइ बल¨जदर ¨सह के मुताबिक मंगलवार को डेराबस्सी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया है। जिसके बाद शव वारिसों के हवाले कर दिया गया है, जो उसे यूपी ले गए हैं। धारा 174 के तहत कार्रवाई की है। घातक वार से हुई मौत
पोस्टमार्टम करने वाली डेराबस्सी सिविल अस्पताल की डॉक्टर ईशा वर्मा के अनुसार शेरों ने जटाशंकर की गर्दन पर घातक वार किया, जिससे उसका ट्रेकिया टूट गया और शार्प इंजरी ने फूड पाइप, रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट और रक्त धमनियों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे मौत हुई।