सड़क निर्माण में लापरवाही बरतना ठेकेदार को पड़ेगा भारी, पांच साल तक खुद ही करवानी होगी मरम्मत

नगर निगम ने यह फैसला शहर की खस्ताहाल सड़कों को देख कर लिया है। गौर हो कि कई बार ठेकेदार सड़क बनाते समय घटिया सामान का प्रयोग करते है जिससे सड़क जल्द टूट जाती है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 10:55 AM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 10:55 AM (IST)
सड़क निर्माण में लापरवाही बरतना ठेकेदार को पड़ेगा भारी, पांच साल तक खुद ही करवानी होगी मरम्मत
सड़क निर्माण में लापरवाही बरतना ठेकेदार को पड़ेगा भारी, पांच साल तक खुद ही करवानी होगी मरम्मत

चंडीगढ़, राजेश ढल्ल। अब जो ठेकेदार शहर में किसी भी सड़क की री-कारपेटिंग करेगा उस सड़क की आगामी पांच साल तक की जिम्मेदारी उसी ठेकेदार की होगी। अगर सड़क टूटती है तो उसकी रिपेयर संबंधित ठेकेदार ही करेगा। ऐसे में अब ठेकेदार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता। यह फैसला नगर निगम ने इन दिनों शहर की खस्ताहाल सड़कों को देखते हुए लिया है। निगम ने उक्त शर्त के साथ शहर की सड़कों की रीकारपेटिंग के लिए 38 करोड़ रुपये के टेंडर निकाले थे, जिसके लिए टेक्निकल बिड आ गई है। तीन से चार दिन में टेक्निकल बिड खोल दी जाएगी। लेकिन सड़कों की रीकारपेटिंग का काम मानसून के बाद ही शुरू होगा।

एनटीटीआर की सिफारिश से तैयार किया गया था टेंडर

नगर निगम ने सड़कों की रीकारपेटिंग के टेंडर राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान (एनटीटीआर) की सिफारिश से तैयार किए गए हैं। जिससे सड़क पर किस तरह का मैटिरियल डाला जाना है, साल बाद सड़क की परत कितनी कम होगी, इन सभी पर एनटीटीआर ने स्टडी करके नगर निगम को बता दिया है। बार-बार सड़क की रीकारपेटिंग होने से जो ऊपर की परत मोटी हो जाती है और इससे घरों और दुकानों में बारिश का पानी घूसता है, वह भी दिक्कत दूर हो जाएगी। क्योंकि एनटीटीआर इसको भी स्टडी करके अपनी सिफारिश दी है। इस समय ठेकेदार पहले से डाली गई सड़क पर ही निर्माण सामग्री डालकर रीकारपेटिंग कर देते हैं।

मालूम हो कि प्रशासन और नगर निगम की ओर से जब भी सड़क की रीकारपेटिंग की जाती है तो उसका कार्यकाल पांच साल का माना जाता है। पांच साल बाद ही सड़कों की कारपेटिंग का टेंडर निकाला जाता है। लेकिन कई बार घटिया सामग्री का प्रयोग होने से पहले ही सड़कों की हालत खस्ता हो जाती है। पांच साल से पहले सड़क टूटने पर उसकी रीकारपेटिंग नहीं की जाती है। उसका पांच साल पूरा होने का इंतजार किया जाता है। लोग अधिकारियों और पार्षदों को ही संपर्क करते रहते हैं। इसलिए नगर निगम ने पहली बार यह शर्त शामिल की है कि जो सड़कों की रीकारपेटिंग करेगा, वही पांच साल सड़क का रखरखाव करेगा। इस समय जब भी सड़क टूटी जाती थी तो नगर निगम का इंजीनियरिंग विंग उसकी रिपेयर करता था।

शहर में सड़कों की रीकारपेटिंग अच्छे तरीके से हो इसके लिए ही टेंडर में यह शर्त शामिल की गई है कि पांच साल तक अगर सड़क में कोई दिक्कत आती है तो उसकी रिपेयर वह ठेकेदार ही करेगा। एनटीटीआर की सिफारिश से 38 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों की रीकारपेटिंग के टेंडर निकाले गए हैं। जिनके लिए टेक्निकल बिड खोल दी गई है।

 शेलेंद्र सिंह राणा, चीफ इंजीनियर, नगर निगम चंडीगढ़।

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