पंजाब में भाजपा को झटका, कृषि कानूनों के विरोध में कोर ग्रुप सदस्य व महासचिव मालविंदर कंग ने दिया इस्तीफा

कृषि कानूनों को विरोध में पंजाब में भाजपा के कोर ग्रुप सदस्य व महासचिव मालविंदर कंग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कहा कि किसानों की आशंकाओं को दूर करने की जरूरत है लेकिन में उनकी बात को अनसुना किया गया।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sat, 17 Oct 2020 07:27 PM (IST) Updated:Sat, 17 Oct 2020 07:27 PM (IST)
पंजाब में भाजपा को झटका, कृषि कानूनों के विरोध में कोर ग्रुप सदस्य व महासचिव मालविंदर कंग ने दिया इस्तीफा
मालविंदर सिंह कंग की फाइल फोटो। (सोशल मीडिया)

जेेएनएन, चंडीगढ़। कृषि कानूनों को लेकर पंजाब में किसानों का विरोध झेल रही भारतीय जनता पार्टी के लिए यह एक बड़े झटके से कम नहीं है कि पार्टी के जनरल सेक्रेटरी और कोर ग्रुप के सदस्य मालविंदर सिंह कंग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता भी छोड़ दी है।

भाजपा प्रधान अश्वनी शर्मा को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि मैंने कई बार यह मांग पार्टी प्लेटफार्म पर उठाई। यहां तक कि इस मसले को लेकर हमारी पार्टी की दस बार कोर ग्रुप की मीटिंग हुई, केंद्रीय समिति के साथ भी मीटिंग हुई और मैंने कहा कि किसानों की आशंकाओं को दूर करने की जरूरत है, लेकिन उन्होंने मेरी बात ही नहीं सुनी और कहा कि किसान गुमराह होकर आंदोलन कर रहे हैं।

कंग ने कहा कि जिन किसानों ने देश को अनाज मुहैया करवाया हो और सीमाओं की रक्षा के लिए जवानों को दिया हो, उन्हें गुमराह बताना सही नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने खेती कानूनों के बारे में किसानों की आशंकाओं को अपने कोर ग्रुप में रखा तो कंग ने कहा कि पार्टी में किसानी मसलों को समझने वाला ही कोई नहीं है। उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कर दिया है वह सब ठीक है।

उन्होंने कहा,  उनसे कहता रहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान सड़कों पर हैं, हमें उन्हें सुनना चाहिए, लेकिन जब भी मैं ऐसी बात करता तो मुझसे कहा जाता कि आप पाकिस्तान की बोली बोल रहे हो। इसको लेकर मेरी कई बार बहस भी हुई।

कंग ने कहा कि भाजपा एक ओर पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन अभी तक पहले उसे अपने आपको पंजाबी साबित करने की जरूरत है। भाजपा से इस्तीफा देने के बाद उनकी अगली रणनीति क्या है के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं किसानों के संघर्ष में उनका साथ दूंगा। वह मेरी जहां भी ड्यूटी लगाएंगे, मैं जाउंगा। 

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