400 की Covid Vaccine 1060 रु. में प्राइवेट अस्पतालों को बेचने पर घिरी पंजाब सरकार, वापस लिया फैसला

पंजाब सरकार ने कोविड वैक्सीन को निजी अस्पतालों को बेचने का फैसला वापस ले लिया है। मामला जब राजनीतिक रूप से उछल गया तो सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा। वहीं स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि कभी-कभी गलत फैसले हो जाते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 08:34 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 09:29 AM (IST)
400 की Covid Vaccine 1060 रु. में प्राइवेट अस्पतालों को बेचने पर घिरी पंजाब सरकार, वापस लिया फैसला
कोरोना वैक्सीन निजी अस्पतालों को बेचने पर घिरी पंजाब सरकार। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। 18 से 44 आयु वर्ग के लिए 400 रुपये प्रति डोज वैक्सीन खरीद कर 1060 रुपये में प्राइवेट अस्पतालों को बेचकर 5.28 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। वहीं, निजी अस्पतालों ने 1060 रुपये में वैक्सीन खरीदकर 1560 से लेकर 1700 रुपये में वैक्सीन लगाई। 400 रुपये की वैक्सीन पर 9.28 करोड़ रुपये की मुनाफाखोरी हुई। पंजाब सरकार द्वारा वैक्सीन में मुनाफाखोरी का खुलासा होने के बाद चौतरफा घिरी सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया है।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सिद्धू ने कहा, कभी-कभी गलत फैसले हो जाते हैं

कोरोना वैक्सीन को लेकर मुनाफाखोरी किए जाने के बाद पंजाब सरकार राजनीतिक रूप से घिर गई थी। अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने तो पहले ही पंजाब सरकार पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने व सरकार द्वारा मुनाफाखोरी करने का आरोप लगा दिया था। वहीं, शुक्रवार को कांग्रेस के ही राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर इस मामले में जांच करने की मांग कर दी।

बाजवा ने तो यहां तक लिखा कि यह लोगों के साथ धोखा है। वैक्सीन को लेकर नोडल अधिकारी विकास गर्ग ने भी इसकी पुष्टि की है। वहीं, आप के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछा कि दिल्ली की तरह पंजाब सरकार मुफ्त में वैक्सीन क्यों नहीं लगा सकती है, इस घोटाले से करोड़ रुपये एकत्र करके किस कांग्रेसी नेताओं को दिए गए। वैक्सीन को उच्च दाम पर लगाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों को इजाजत किसने दी।

ऐसे हुई मुनाफाखोरी

पंजाब सरकार ने 18 से 44 आयु वर्ग के लिए 400 रुपये प्रति डोज के हिसाब से 1.16 लाख डोज खरीदी थी। सरकार ने इसमें बंदिशें लगाई कि पहले श्रम क्षेत्र में काम करने वाले, फिर सह रोगियों आदि को टीके लगाए जाएंगे। सरकार ने इस आयु वर्ग में वैक्सीन न होने के कारण सभी आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू नहीं किया। 1.16 लाख डोज में से 80,000 डोज प्राइवेट अस्पतालों को 1060 रुपये प्रति डोज बेच दी गई। इसके लिए सरकार ने बकायदा कोविड वैक्सीन सीएसआर करके एक नया अकाउंट बनाया।

पंजाब सरकार को 80,000 डोज के लिए 3.20 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े, लेकिन उसने प्राइवेट अस्पताल को 8.48 करोड़ रुपये में बेच दिया। इससे सरकार ने 5.28 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। इस पर प्राइवेट अस्पतालों ने 1560 रुपये के करीब लोगों से चार्ज किए। जिसकी वजह से लोगों पर 9.28 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा, जबकि प्राइवेट अस्पतालों ने 4 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।

बता दें, 15 मई को मुख्य सचिव विनी महाजन ने ट्वीट किया कि मैक्स अस्पताल मोहाली और फोर्टिस अस्पताल में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों की वैक्सीनेशन शुरू हो गई है। मैक्स 900 तो फोर्टिस 1250 रुपये में वैक्सीन लगाएगा। सुखबीर बादल का कहना है कि मुख्य सचिव प्राइवेट अस्पतालों की ब्रांड अंबेस्डर हो गई है। वह सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने के बजाय प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन लगाने की अपील कर रही थी।

अस्पतालों को पैसा वापस होगा

टीकाकरण को लेकर नोडल अधिकारी विकास गर्ग ने पत्र जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि जो वैक्सीन अस्पतालों के पास पड़ी हुई हैॆ, वह उसे सरकार को वापस कर दें, जो पैसा सरकार ने अस्पतालों से अतिरिक्त रूप से लिया है, उसे वापस कर दिया जाएगा। सरकार ने फैसला वापस ले लिया है।

गलत फैसले हो जाते हैं

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू का कहना है कि कभी-कभी गलत फैसले हो जाते हैं। यह भी गलत फैसला था। सरकार इस फैसले को वापस लेती है। जो वैक्सीन प्राइवेट अस्पतालों के पास पड़े है उसे वापस मंगवाया जा रहा है। जिन लोगों से ज्यादा पैसे लिए गए है, उन्हें पैसा वापस करवाया जाएगा। यह फैसला क्यों लिया गया इसकी भी जांच होगी।

chat bot
आपका साथी