पीयू की टीम ने खोजी फिश पेरासाइट की 40 नई प्रजातियां

जूलॉजी डिपार्टमेंट ने फिश पेरासाइट की 40 नई प्रजातियों को खोजा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jan 2019 04:07 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jan 2019 04:07 AM (IST)
पीयू की टीम ने खोजी फिश पेरासाइट की 40 नई प्रजातियां
पीयू की टीम ने खोजी फिश पेरासाइट की 40 नई प्रजातियां

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : साइंस के क्षेत्र में नई खोज करते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी के जूलॉजी डिपार्टमेंट ने फिश पेरासाइट की 40 नई प्रजातियों को खोजा है। यह प्रजातियां पहली बार साइंस के इतिहास में खोजी गई हैं। डॉ. हरप्रीत कौर के नेतृत्व में हो रही रिसर्च में पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से फिश पर रिसर्च कर गई है। डॉ. हरप्रीत कौर जूलॉजी विभाग की चेयरपर्सन हैं। हरप्रीत इस समय फिश पेरासाइट पर काम कर रही हैं। फिश पेरासाइट एक तरह की बीमारी है, जोकि मछलियों में आम तौर पर पाई जाती है। इस बीमारी से आमतौर पर मछलियों को कोई ज्यादा हानि नहीं होती है, लेकिन कई पेरासाइट ऐसे हैं, जिनके कारण मछलियों की ग्रोथ रुक जाती है। पेरासाइट के लक्षण जानिए

पेरासाइट छोटे-छोटे रूई के कण के समान होते हैं। यह कण मछली की आंख, गलगड़ से लेकर शरीर के विभिन्न भागों में पाए जाते हैं। पहले यह बीमारी मछली के ऊपरी शरीर में पाई जाती थी, लेकिन अब यह उसकी किडनी और लिवर में भी पाई जा रही है। डॉ. हरप्रीत कौर ने बताया कि मछली खाने वाले लोगों को इस बीमारी से इंसान को कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन यह मछली की ग्रोथ पर फर्क डालते हैं और इससे मछली के खुद के वंश पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इन प्रजातियों की हुई है खोज

पीयू की रिसर्च टीम ने 40 नई प्रजातियों को खोजा है। जिसमें मुख्य तौर पर हेनीगोयडीस, थीलोहेनेक्स, मीक्सोबोलस और हेनीगुया है। डॉ. हरप्रीत कौर ने बताया कि पीयू ने करीब 150 नई प्रजातियों को खोजा है, लेकिन 100 के करीब प्रजातियां ऐसी हैं, जोकि चीन, जापान और कई साउथ एशिया के देशों में पाई जाती हैं। अभी भी 50 प्रजातियां ऐसी हैं, जिनके डीएनए की जांच चल रही है। उसमें नई प्रजातियों पाई गई र्ह, उनका डीएनए कहीं पर भी नहीं मिला है। पंजाब के विभिन्न एरिया में पाई गई हैं प्रजातियां

फिशरी की मार्केट पंजाब में कोई ज्यादा बड़ी नहीं है, लेकिन रोपड़, हरीके, कांजली वेटलैंड और रणजीत सागर में मछली की कई किस्में मौजूद हैं। यहां पर मौजूद मछलियों पर रिसर्च चल रही है, जिसमें नई प्रजातियों की खोज हुई है। लंबे समय से फिश पेरासाइट पर रिसर्च चल रही है। इसमें बहुत ही वेरायटी है। जिनका डीएन हम दूसरे देशों में पाए जाने वाले पेरासाइट से भी कर रहे हैं। अभी तक 40 के करीब पेरासाइट की नई किस्म साइंस के लिए खोजी जा चुकी हैं।

डॉ. हरप्रीत कौर, चेयरपर्सन, जूलॉजी डिपार्टमेंट

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