मोहाली निगम में नए सेक्टरों गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव लटका, स्थानीय निकाय विभाग ने मांगा रेवेन्यू रिकॉर्ड
मोहाली नगर निगम में नए सेक्टरों व गांवों को शामिल करने के प्रस्ताव को लेकर स्थानीय निकाय विभाग ने रेवेन्यू रिकॉर्ड मांगा गया है। इसके बाद अब पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले सेक्टरों व गांवों को निगम में शामिल करने में समय लग सकता है।
जागरण संवाददाता, मोहाली। मोहाली नगर निगम में नए सेक्टरों व गांवों को शामिल करने के प्रस्ताव को लेकर स्थानीय निकाय विभाग ने रेवेन्यू रिकॉर्ड मांगा गया है। इसके बाद अब पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले सेक्टरों व गांवों को निगम में शामिल करने में समय लग सकता है।
जून मेें हुई नगर निगम की बैठक में बलौंगी गांव, बलौंगी कॉलोनी, सेक्टर-118 और 119 को निगम में शामिल करने का प्रस्ताव लाया गया था। जबकि बल्लोमाजरा को इसमें शामिल नहीं किया गया। इसी तरह बड़माजरा और बड़माजरा कॉलोनी, बरियाली और ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) की ओर से मंजूर टीडीआइ प्रोजेक्ट सेक्टर-118, 119, 117, 116, 92 और 74ए, ग्रीन एन्क्लेव, सेक्टर-66 अल्फा केवल सरकार और गमाडा की ओर से मंजूर प्रोजेक्ट, सेक्टर-82, सेक्टर -91 और 92, गांव कंबाली को छोड़कर रेलवे लाइन/बाउंड्री तक ब्लक मार्केट मैटीरियल और अन्य एरिया को निगम में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया था। जिसे अंतिम मंजूरी के लिए स्थानीय निकाय विभाग को भेजा गया था। अब नगर निगम में नए सेक्टरों और गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव निकाय विभाग के पास अटक गया है।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री और मोहाली विधानसभा हलके से विधायक बलबीर सिंह सिद्धू की कोशिश यही है कि इस प्रस्ताव को तुरंत पास करवाया जाए। ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें इसका फायदा मिल सके। इस कारण उक्त क्षेत्रों में रह रहे लोगों की लंबे समय से ये मांग थी। हालांकि नगर निगम के अधीन आने के बाद भी उक्त क्षेत्रों के लोगों को पांच साल तक के लिए पार्षद का इंतजार करना होगा। क्योंकि हाल ही चुनाव हुआ है। इस साल हुए नगर निगम चुनाव में निगम के एरिया में बढ़ोतरी नहीं हुई थी। कोरोना के चलते नए एरिया को नगर निगम में शामिल नहीं किया गया था। केवल पुराने वार्डों को तोड़कर नए सिरे से वार्डबंदी की गई थी। इसके बाद जनसंख्या विभाग ने भी निगम में नए एरिया शामिल करने की अनुमति दे दी थी।
नगर निगम ने प्रस्ताव पास करते हुए दलील दी थी कि नगर निगम को नक्शा और अन्य टैक्सों से आमदनी होगी। इसके अलावा गांवों की सभी शामलात जमीन नगर निगम की हो जाएगी। इसके अलावा गांवों का सर्वपक्षीय विकास होगा और वाटर सप्लाई, सीवरेज और ड्रेनेज का काम टेकओवर हुुआ है।