अकाली दल में सियासी संकट, पंथक मुद्दों के हल के लिए बादल ने खुद संभाली कमान
पंथक मुद्दों को लेकर अकाली दल में पैदा हुए सियासी संकट को हल करने के लिए पार्टी के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल ने नई रणनीति तैयार की है।
चंडीगढ़ [निर्मल सिंह मानशाहिया]। पंथक मुद्दों को लेकर अकाली दल में पैदा हुए सियासी संकट को हल करने के लिए पार्टी के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल ने नई रणनीति तैयार की है। पार्टी के अंदर पैदा हुए विरोधी सुर और लोगों की नब्ज को पहचानते हुए उन्होंने कई बड़े पंथक फैसले करने का मन बना लिया है।
पार्टी के टकसाली नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए बड़े बादल ने खुद मोर्चा संभालते हुए जत्थेदारों के साथ संपर्क कायम किया है। बीते दिनों सीनियर अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा के पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे और अन्य टकसाली नेताओं की नाराजगी के बाद उन्होंने कई वरिष्ठ नेताओं से खुद बात की है। पंथक मुद्दों को हल करने के लिए सीनियर नेताओं की एक अहम मीटिंग 8 अक्टूबर को बुलाने की तैयारी है। इस मीटिंग की अध्यक्षता खुद बादल करेंगे।
अकाली हलकों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को बादल ने सांसद रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, पूर्व सांसद डॉ. रत्न सिंह अजनाला, सेवा सिंह सेखवां के साथ फ़ोन पर बातचीत की थी। सोमवार को सुखदेव सिंह ढींडसा के साथ भी संपर्क करने की कई बार कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हुआ।
पंथक संकट के हल के लिए होगी जत्थेदार की छुट्टी
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को माफी देने के मुद्दे को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह की छुट्टी तय मानी जा रही है। नए जत्थेदार की खोज के लिए बड़े बादल ने टकसाली नेताओं को इशारा कर दिया है। अपने नज़दीकी सलाहकारों के द्वारा संदेश ब्रह्मपुरा, ढींडसा, जत्थेदार तोता सिंह, बलविंदर सिंह भूंदड़, चरनजीत सिंह अटवाल, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी उपिंदरजीत कौर समेत टकसाली नेताओं के पास भेज दिया है।
बदले जा सकते हैैं एसजीपीसी के अध्यक्ष
अकाली हलकों के मुताबिक पार्टी की 7 अक्टूबर को होने वाली पटियाला रैली के बाद एक हफ़्ते के अंदर कई फैसले लिए जाने की संभावना है। एसजीपीसी अध्यक्ष भी बदले जा सकते हैैं। यह भी पता लगा है कि टकसाली नेताओं की नाराजग़ी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल के खि़लाफ़ भी काफ़ी ज़्यादा बढ़ी है। बड़े बादल के पास ब्रह्मपुरा समेत माझा के कई नेताओं ने मांग उठाई है कि लोंगोवाल को भी बदला जाए।
चंदूमाजरा व ब्रह्मपुरा की लगाई ड्यूटी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बादल ने ढींडसा को मनाने और पटियाला रैली में लाने के लिए सीनियर नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा और रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा की ड्यूटी लगाई है। चंदूमाजरा ने संपर्क करने पर कहा कि ढींडसा साहब पार्टी के सीनियर नेता हैं। वह पार्टी के साथ ही हैं और उनकी सेहत ठीक नहीं चल रही है। आने वाले दिनों में सब ठीक हो जाएगा। दूसरी तरफ ढींडसा के नज़दीकियों से पता लगा है कि उन्होंने खऱाब सेहत का हवाला देते हुए फि़लहाल रैली समेत पार्टी की किसी भी सक्रियता में शामिल होने से मना कर दिया है।
ढींडसा साहब पार्टी के साथ हैं : सुखबीर बादल
सुखदेव सिंह ढींडसा के इस्तीफे को लेकर अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ढींडसा साहब हमारे आदरणीय नेता हैं। वह पार्टी के साथ ही हैं। उनकी सेहत कुछ समय से ठीक नहीं चल रही है।