बुडै़ल जेल में बंद आइजी जैदी की फिजिकल हियरिग के लिए दायर याचिका खारिज

जैदी ने केस का ट्रायल सभी आरोपितों के शारीरिक उपस्थिति के साथ शुरू करने की मांग की थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 05:26 PM (IST) Updated:Thu, 19 Nov 2020 05:26 PM (IST)
बुडै़ल जेल में बंद आइजी जैदी की फिजिकल हियरिग के लिए दायर याचिका खारिज
बुडै़ल जेल में बंद आइजी जैदी की फिजिकल हियरिग के लिए दायर याचिका खारिज

जागरण संवादददाता, चंडीगढ़ : कोटखाई कस्टोडियल डेथ केस में आरोपित हिमाचल प्रदेश के पूर्व आइजी जहुर हैदर जैदी की ओर से दायर याचिका को सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने खारिज कर दिया है। जैदी ने याचिका दायर कर सभी आरोपितों और उनके वकीलों की कोर्ट में शारीरिक उपस्थिति के साथ केस का ट्रायल शुरू करने की मांग की थी। कोरोना के चलते पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देशानुसार शारीरिक उपस्थिति के साथ सुनवाई करने के लिए सभी पक्षों की मंजूरी होना जरूरी है। जैदी की याचिका पर सरकारी पक्ष और पांच अन्य आरोपितों ने मंजूरी दे दी थी। लेकिन चार आरोपितों एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठयोग डीएसपी मनोज जोशी, हेड कांस्टेबल सूरत सिंह और मोहन लाल ने याचिका पर अपनी मंजूरी नहीं दी। इसके बाद अदालत ने जैदी की याचिका को खारिज कर दिया। मामले की अगली सुनवाई अब तीन दिसंबर को होगी। यह था मामला

जुलाई 2017 में शिमला के कोटखाई में एक छात्रा का जंगल से शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी। आइजी जैदी की अगुवाई में बनी एसआइटी ने केस को सुलझाने का दावा करते हुए एक स्थानीय युवक और पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था। इनमें नेपाली मूल का सूरज नामक युवक भी था। कोटखाई थाने में सूरज की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। सीबीआइ जांच में सामने आया कि पुलिस के टॉर्चर से ही सूरज की मौत हुई थी। मामले में सीबीआइ ने आइजी जहुर हैदर जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठयोग डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिद्र सिंह, एएसआइ दीप चंद, हेड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफी अली और कांस्टेबल रंजीत समेत कुल नौ लोगों को आरोपित बनाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केस को चंडीगढ़ स्थित सीबीआइ की विशेष कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।

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