मंत्री परगट सिंह बोले- पंजाब में बनेगा राज्य भाषा आयोग, सख्ती से लागू होगी पंजाबी

पंजाब में पंजाबी को सख्ती से लागू करने के लिए राज्य भाषा आयोग बनाया जाएगा। यह जानकारी भाषा मंत्री परगट सिंह ने दी। परगट प्रेस दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में हिस्सा लेने के लिए पंजाब कला भवन पहुंचे थे।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 07:13 PM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 07:13 PM (IST)
मंत्री परगट सिंह बोले- पंजाब में बनेगा राज्य भाषा आयोग, सख्ती से लागू होगी पंजाबी
प्रेस दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते परगट सिंह। फोटो- डीपीआर

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार द्वारा पंजाबी भाषा एक्ट को सख्ती से लागू करने के लिए राज्य भाषा आयोग बनाया जाएगा। इसके साथ ही पुस्तक सभ्याचार को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय एक्ट का अध्यादेश जारी करने से युवाओं को साहित्य के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए खेल मैदानों के साथ पुस्तकालय भी बनाए जाएंगे।

यह बात शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं भाषाओं संबंधी मंत्री परगट सिंह ने आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर पंजाब और चंडीगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन द्वारा पंजाबी लेखक सभा और पंजाब कला परिषद् के सहयोग से पंजाब कला भवन में ‘पंजाबी भाषा एवं पत्रकारिता की चुनौतियां’ विषय पर करवाई गई विचार गोष्ठी के दौरान संबोधित करते हुए कही। परगट सिंह ने इस मौके पर महान गदरी योद्धा शहीद करतार सिंह सराभा और उनके छह साथियों शहीद बखशीश सिंह, शहीद सुरायण सिंह (बड़ा), शहीद सुरायण सिंह (छोटा), शहीद हरनाम सिंह और शहीद विष्णू गणेश पिंगले को भी सलाम किया, जिनको आज के ही दिन पहले लाहौर साजि़श मामले में फांसी दी गई थी।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शहीद करतार सिंह सराभा पत्रकारों के लिए भी रोल माडल हैं, क्योंकि करतार सिंह सराभा गदर अखबार निकालते थे। उन्होंने देश की आजादी के लिए गदर अखबार के द्वारा देशवासियों में वतनपरस्ती की चिंगारी जलाई। यह गदरी योद्धा हमारे लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं। परगट सिंह ने कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और पंजाब की तरक्की में पंजाबी पत्रकारिता का बड़ा रोल है।

उन्होंने सभी साहित्यकारों, पत्रकारों, अकादमिक विशेषज्ञों और शिक्षा शास्त्रियों को आगे आने का न्योता दिया, जिससे भाषा एक्ट को राज्य और जिलास्तर पर लागू करने के लिए आयोग और समितियों में उनको शामिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे नीति निर्माताओं ने नीतियां बनाने के समय विशेषज्ञों को बाहर निकाल दिया, जो कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात थी।

परगट सिंह को तस्वीर भेंट करते पंजाब और हरियाणा जर्नलिस्ट यूनियन के पदाधिकारी। 

उन्होंने कहा कि भाषा, शिक्षा विभाग और खेल विभाग में बेहतर परिणामों के लिए वह संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों की समिति बनाई जा रही है। पंजाब कला परिषद् के सचिव डा. लखविंदर सिंह जौहल ने मौजूदा समय में पंजाब की विरासत को नजरअंदाज करने संबंधी बात की। उन्होंने राज्य सरकार भाषा एक्ट में संशोधनों की तारीफ की। उन्होंने मीडिया के समक्ष आ रही चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की।

इस मौके पर पंजाब और चंडीगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन के प्रधान जय सिंह छिब्बर, बलकार सिंह सिद्धू, दीपक शर्मा,प्रीतम रुपाल, संतोष गुप्ता, तरलोचन सिंह,  गुर उपदेश सिंह भुल्लर, जगतार सिंह भुल्लर, बिंदू सिंह,  गुरमिंदर बब्बू और सतिंदर सिंह सिद्धू, नलिन आचार्य, इंद्रप्रीत सिंह, चरणजीत भुल्लर, आतिश गुप्ता आदि भी उपस्थित थे।

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