लॉकडाउन में मुनाफाखोरी बेलगाम

लॉकडाउन के बीच शहर में फल और राशन की सप्लाई दुरस्त हो गई है लेकिन प्रशासन मुनाफाखोरी को नहीं रोक पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 31 Mar 2020 05:40 PM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2020 06:05 AM (IST)
लॉकडाउन में मुनाफाखोरी बेलगाम
लॉकडाउन में मुनाफाखोरी बेलगाम

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़।

लॉकडाउन के बीच शहर में फल और राशन की सप्लाई दुरस्त हो गई है, लेकिन प्रशासन मुनाफाखोरी को नहीं रोक पा रहा है। राशन में दालें, मसाले और आटा के रेट में 10 से 15 फीसद का इजाफा हुआ है। कई दुकानों में रोजमर्रा के सामान की शार्टेज भी हो गई है। जबकि सब्जियों के रेट में भारी इजाफा हुआ है। आटे की थैली के रेट में 20 से 40 रुपये का इजाफा कर दिया गया है।

शहर में इस समय सीटीयू बसों में सब्जियों और फल की सप्लाई हो रही है। मार्केट कमेटी की ओर से होलसेल के मुकाबले 20 प्रतिशत बढ़ाकर रिटेल के रेट तय किए जा रहे हैं। बावजूद इसके वेंडर्स इससे ज्यादा रेट वसूल कर रहे हैं। ऐसे में मुनाफाखोरी के खिलाफ शहरवासियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की ओर से भी प्रशासन से शिकायतें की जा रही हैं। दिलचस्प है कि प्रशासन की ओर से अभी तक ऐसी शिकायतों पर अमल नहीं किया जा सका है। सब्जियों के वर्तमान रेट

शहर में इस समय टमाटर 50, मटर-80, फ्रासबिन 60 और प्याज 40 रुपये किलो में बेचा रहा है। जबकि आलू 35 रुपये किलो बेचा जा रहा है। जबकि होलसेल में इनका रेट आधा है। सेक्टर-26 मंडी में प्रतिदिन किसान सब्जी बेचने के लिए मंडी में आते हैं। मार्केट कमेटी की ओर से पहली बार सब्जियों के रिटेल में रेट तय किए है, लेकिन इसका भी फायदा शहरवासियों को नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत ने भी ट्वीट कर कहा है कि रिहायशी इलाकों में वेंडर्स सब्जियों और फल के रेट बढ़कर ले रहे हैं। ऐसा करके वह लोगों को लूट रहे हैं। फल के रेट हुए दोगुना

सब्जियों से ज्यादा फल के रेट में भारी इजाफा हो गया है। 40 रुपये दर्जन मिलने वाले केले के रेट 70 रुपये पहुंच गया है। सेब और अंगूर का रेट 150 रुपये किलो हो गया है। संतरा और किनू का रेट 80 रुपये किलो हो गया है। कमेटी की ओर से फलों का रेट तय नहीं किया जाता है। कई इलाकों में आटे की किल्लत

सुप्रीम सीनियर सिटीजन एसोसिएशन के अध्यक्ष वीएन शर्मा का कहना है कि इस समय अधिकतर दुकानों से अधिकतर राशन और बेकरी का सामान गायब हो गया है। सेक्टर-40 और 41 की अधिकतर दुकानों पर तो गेहूं का आटा भी नहीं मिल रहा है। सीटीयू बस में भी जो सब्जी और फल की सप्लाई की जा रही है वहां के वेंडर भी दोगुने रेट चार्ज करके लोगों को लूट रहे हैं। हरी मिर्च ही 200 रुपये किलो बेची जा रही है। अधिकारियों को इस संबंध में लोग जब शिकायत करने के लिए शिकायत करते हैं तो वह फोन नहीं उठा रहे हैं। मुनाफाखोरों के खिलाफ कार्रवाई हो

सेक्टर-20 की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष ओपी वर्मा का कहना है कि जो उनके यहां पर सीटीयू की बस में सब्जी और फल की सप्लाई हो रही है, उसमे निरंतर लोगों को लूटा जा रहा है। लोगों की मजबूरी का वेंडर्स अवैध तौर पर फायदा उठा रहे हैं। प्रशासन और नगर निगम को सप्लाई के साथ रेट्स को भी कम करवाना चाहिए। मुनाफाखोरो के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। सामान के रेट पर अफसरों की नजर : केके यादव

कमिश्नर केके यादव का कहना है कि लोग इस समय दशहत के कारण ज्यादा सामान खरीदकर स्टोर कर रहे हैं। पड़ोसी राज्यों से लॉक डाउन होने के कारण सप्लाई भी कम आ रही है। जिस कारण रेट कुछ बढ़े हैं। सब्जियों के रेट खुद तय कर रहे हैं। जबकि इस समय सप्लाई शहर में दुरुस्त हो गई है। राशन के जरूरी वस्तुओं के सामान के रेट पर नजर रखी जाएगी।

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