स्थानीय निकाय विभाग ही तय करेगा पानी के रेट, अब मानी नवजोत सिद्धू की मांग

पंजाब में शहरों में पानी के रेट अब स्‍थानीय निकाय विभाग ही तय करेगा। यह मामला पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने कार्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 10:35 AM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 08:56 PM (IST)
स्थानीय निकाय विभाग ही तय करेगा पानी के रेट, अब मानी नवजोत सिद्धू की मांग
स्थानीय निकाय विभाग ही तय करेगा पानी के रेट, अब मानी नवजोत सिद्धू की मांग

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में अब शहरों में पानी की दरें स्‍थानीय निकाय विभाग ही तय करेगा। पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पहले उठाई गई आपत्ति पर पंजाब कैबिनेट ने अब सहमति जताई है। कैबिनेट ने पंजाब वाटर रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाने को मंजूरी दे दी है। सिद्धू ने जब यही आपत्ति कैबिनेट मीटिंग में उठाई थी तो उनका विरोध किया गया था। इसका हल ढूंढऩे के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन भी किया गया था।

सिद्धू की पहले की गई आपत्ति से अब सहमत हुई कैबिनेट, वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी को मंजूरी

नवजोत सिद्धू को इस बात पर आपत्ति थी कि वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी शहरों में बिल तय करने के लिए अधिकृत हो जाएगी। हर साल वह अपनी मर्जी से बिल बढ़ाएगी। यह उनके महकमे में दखलंदाजी है। पानी के रेट बढ़ाने या घटाने का काम स्थानीय निकाय विभाग को ही सौंपा जाना चाहिए। कैबिनेट में अथॉरिटी को मंजूरी देने के मामले में सबसे बड़ी बाधा रेट तय करने को अथॉरिटी के अधिकार क्षेत्र से हटा दिया गया है।

वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी को लागू करने के लिए सरकार जल्द ही ऑर्डिनेंस जारी करेगी। यह अथॉरिटी पानी के निकास पर हिदायतें जारी करने के लिए अधिकृत होगी, लेकिन पीने वाले पानी, घरेलू और खेती के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पानी की निकासी पर किसी तरह की रोक या दरें लगाने के लिए अधिकृत नहीं होगी।

यह अथॉरिटी भूजल के प्रयोग और निकास संबंधी आम हिदायतें जारी करने के लिए अधिकृत होगी। इसके अलावा राज्य में नहरी सिंचाई समेत सभी जल स्रोतों का उचित प्रयोग करने को यकीनी बनाएगी। यह अथॉरिटी पानी के रीचार्ज और संभाल संबंधी दिशा-निर्देश जारी करेगी।  उद्योगों और व्यापारिक प्रयोग के लिए पानी के रेट तय करने का अधिकार अथॉरिटी के पास होगा।

आदेश न मानने पर जुर्माना लगा सकेगी अथॉरिटी

अथॉरिटी को उसके आदेशों या हिदायतों का पालन न करने पर वित्तीय दंड (जुर्माना) लगाने का अधिकार होगा। इस अथॉरिटी को सिविल कोर्ट की शक्तियां हासिल होंगी और सालाना रिपोर्ट पेश करना अपेक्षित होगी, जिसको सरकार की तरफ से सदन में रखा जाएगा।

जल स्रोतों के प्रबंधन व संभाल पर जोर

मौजूदा व भावी पीढिय़ों की जरूरत की पूर्ति के लिए पानी के सीमित साधनों के लंबे समय तक प्रयोग किए जाने को सरकार यकीनी बनाएगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चुनौती को योग्य कानूनी प्रक्रिया से आर्थिक व सभ्यक ढंग से राज्य के जल स्रोतों के प्रबंधन व संभाल के लिए विधि ढूंढऩा जरूरी है। राज्य सरकार ने इजरायल की राष्ट्रीय जल एजेंसी मेकोरोट के साथ पहले ही एक समझौता किया है, जिससे राज्य के जल साधनों के प्रभावी और टिकाऊ प्रयोग के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने के लिए राज्य की मदद की जा सके।

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अध्‍यक्ष सहित तीन सदस्य होंगे

प्रस्तावित अथॉरिटी में एक चेयरपर्सन, दो सदस्य होंगे। ये सदस्‍य जलस्रोतों या वित्त, कानून, कृषि व वित्त से संबंधित क्षेत्रों के माहिर होंगे। पांच माहिरों पर आधारित एक सलाहकार समिति होगी, जो जरूरत पडऩे पर अथॉरिटी को उसके कामकाज में सहायता मुहैया कराएगी।   

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