पंजाब बजट सत्र : जनहित के मुद्दे गौण, एक-दूसरे को नीचा दिखाते रहे विधायक

पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में आम लोगों के मुद्दे गौण ही रहे। सदन में विधायक एक-दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे हुए दिखे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 30 Mar 2018 09:31 AM (IST) Updated:Fri, 30 Mar 2018 08:59 PM (IST)
पंजाब बजट सत्र : जनहित के मुद्दे गौण, एक-दूसरे को नीचा दिखाते रहे विधायक
पंजाब बजट सत्र : जनहित के मुद्दे गौण, एक-दूसरे को नीचा दिखाते रहे विधायक

चंडीगढ़, [कैलाशनाथ]। पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गाली-गलौज, एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश, बांहें चढ़ाते हुए एक दूसरे को ललकारने की घटनाओं के बीच आम जनता के मुद्दे गायब हो गए। जनहित के मुद्दों पर विधायकों व मंत्रियों के निजी हित भारी पड़े। कांग्रेस विधायक व पूर्व ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने आप विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा को गाली दी तो, स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और शिअद विधायक व पूर्व राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने एक-दूसरे को ललकारा। सुखबीर बादल ने मनप्रीत बादल को 'नकारा' वित्तमंत्री बताकर तंज किया तो मनप्रीत ने बादल व मजीठिया परिवार पर निजी हमले कर पूरे सदन को सन्न कर दिया।

बजट सत्र में जनहित के मुद्दों पर बहस के बजाय निजी हमलों पर किया फोकस

20 जनवरी से 28 जनवरी तक चले बजट सत्र के दौरान कोई भी दिन ऐसा नहीं रहा जब सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं की। सत्र की शुरुआत से ही सिद्धू व मजीठिया आपस में उलझते रहे। सिद्धू ने मजीठिया को 'तस्कर' तक कह दिया। एक बार तो सिद्धू बांहें चढ़ाकर मजीठिया की तरफ बढऩे लगे थे लेकिन विधायकों ने उन्हें रोक लिया।

कांग्रेस विधायक पूर्व मंत्री राणा गुरजीत ने नेता प्रतिपक्ष को दी गाली, सिद्धू व मजीठिया भी भिड़े

निजी हितों की आग राणा गुरजीत सिंह और सुखपाल खैहरा के बीच भी खूब सुलगी। 2012 में मजीठिया ने राणा को गाली दी थी तो अब राणा ने खैहरा को गाली दी। सदन में दोनों नेताओं की दादागिरी देखने को मिली। खैहरा ने भी राणा को सदन के बाहर आकर मुकाबला करने की चुनौती दे डाली।

बजट बहस के दौरान अकाली दल के अध्यक्ष व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने कहा कि वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को फाइनेंस की जानकारी नहीं है। सुखबीर के अलावा मजीठिया ने भी समय-समय पर मनप्रीत पर जमकर हमले किए। बादल परिवार की आपसी लड़ाई सदन में छिड़ी रही।

बजट बहस का जवाब देते हुए मनप्रीत भी निजी हमले करने से नहीं चूके। उन्होंने न सिर्फ बादल परिवार बल्कि मजीठिया परिवार को भी जमकर लपेटा। उन्होंने अपने ताया (प्रकाश सिंह बादल) और चचेरे भाई सुखबीर बादल को भी नहीं छोड़ा। कुल मिलाकर सात दिन तक चला बजट सत्र निजी लड़ाइयों के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।

आप ने सबको चौंकाया

बजट सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायकों ने काफी संयम भरा परिचय दिया। सत्र से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल द्वारा नशा तस्करी के आरोपों पर बिक्रम मजीठिया से माफी मांगने के बाद जो तस्वीर बनी थी आप ने उसके विपरीत तस्वीर पेश की। बजट पास करवाते समय आप ने 'कट मोशन' को पेशकर सभी को चौंकाते हुए बहस के लिए रास्ता खोल दिया। इससे स्पीकर राणा केपी सिंह भी सचेत हो गए और उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री ब्रह्मï मोहिंदरा को दो बार स्पष्ट किया कि 'कट मोशन' है।

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