सात दिन में वायलेशन नहीं हटाई तो गिरेंगे चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के मकान

चंडीगढ़ हाउ¨सग बोर्ड (सीएचबी) ने मकानों में किए गए अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से सख्ती से निपटेगा। खासकर उन मकानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी जो नोटिस के बाद भी वायलेशन नहीं हटा रहे ।

By Edited By: Publish:Tue, 27 Sep 2022 11:57 PM (IST) Updated:Tue, 27 Sep 2022 11:57 PM (IST)
सात दिन में वायलेशन नहीं हटाई तो गिरेंगे चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के मकान
बोर्ड अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करने का मन बना चुका है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) ने मकानों में किए गए अवैध निर्माण और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण से सख्ती से निपटेगा। खासकर उन मकानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी जो नोटिस के बाद भी वायलेशन नहीं हटा रहे। इसकी शुरुआत सेक्टर-41ए के ड्यूप्लेक्स हाउसेस से हो रही है। यहां बोर्ड अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करने का मन बना चुका है।

सेक्टर-41ए के 420 ड्यूप्लेक्स हाउस को सात दिनों में अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने का समय दिया है। इसका बाकायदा पब्लिक नोटिस तक जारी किया है। 24 सितंबर के नोटिस को जारी हुए चार दिन बीत चुके हैं। अब केवल तीन दिन का समय ही बचा है। लेकिन ग्राउंड रियलिटी यह है कि अभी भी इन मकानों से वायलेशन हटाने का काम शुरू नहीं हुआ है। इन मकानों पर बनाए गए अतिरिक्त फ्लोर तक साफ दिखाई देते हैं।

दैनिक जागरण टीम ने कई ड्यूप्लेक्स हाउसेज की लाइन में जाकर देखा कहीं कोई वायलेशन हटाने का काम चलते नहीं दिखा। इससे पहले भी बोर्ड ने 30 दिनों का नोटिस दिया था। अब अंतिम नोटिस सात दिनों का दिया गया है।

तोड़ने का खर्च और टीम की सैलरी भी होगी रिकवर

बोर्ड ने अपने नोटिस में यह स्पष्ट किया था कि अगर अलाटी इन मकानों से वायलेशन नहीं हटाते तो बोर्ड की टीम इसे हटाएगी। इस दौरान उस मकान के साथ-साथ लगते मकानों को भी नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना रहती है। बोर्ड के अधिकारी ने कहा कि इसकी जिम्मेदारी भी अलाटी की ही होगी। इसके अलावा तोड़ने का खर्च भी अलाटी से ही वसूल किया जाएगा। इसमें लगाई गई मशीनरी, मैनपावर खर्च के साथ मौजूद रहने वाले इंप्लाइज और अधिकारियों की एक दिन की सैलरी तक जोड़ी जाएगी।

628 मकानों का किया था सर्वे

21 अप्रैल 2022 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सेक्टर 41-ए के 628 मकानों में बि¨ल्डग वायलेशन और अतिक्रमण का सर्वे करने के आदेश दिए थे। इसके लिए टेक्नीकल एक्सपर्ट की एक कमेटी गठित की गई, कमेटी ने बि¨ल्डग वायलेशन के साथ स्ट्रक्चरल स्टेबिल्टी को भी देखा। कमेटी ने सर्वे के दौरान पाया कि ज्यादातर अलाटियों को निर्देश दिए जाने के बावजूद अभी तक बि¨ल्डग वायलेशन नहीं हटाया। पहले 420 अलाटी को अंतिम नोटिस दिया है। बोर्ड ने 420 अलाटी को पहले नोटिस के साथ अवैध निर्माण को दर्शाने वाला बिल्ट अप प्लान भी दिया था। बाकी केस में भी बोर्ड ऐसा कर रहा है।

मकानों में यह वायलेशन बिल्डिंग का लोड उठाने वाली मेन दीवार ही हटा दी। इससे स्ट्रक्चर स्टेब्लिटी का खतरा बढ़ गया। कई दीवारें ऐसी बना दी गई हैं या हटा दी गई हैं, जिनसे उस मकान या साथ जुड़े मकान की स्ट्रक्चरल स्टेबिल्टी पर असर पड़ रहा है।  मकानों पर अतिरिक्त फ्लोर बना दिए गए हैं। यह नहीं देखा गया कि इस अतिरिक्त फ्लोर का लोड बिल्डिंग झेल पाएगी या नहीं। कंटीलीवर के ऊपर भी कंस्ट्रक्शन कर दी गई है जबकि इस पर अतिरिक्त भार नहीं दिया जा सकता। ग्राउंड फ्लोर पर भार उठाने वाली दीवार बनाए बिना ही रीयर टेरेस पर कंस्ट्रक्शन की गई है।

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