फेस्टिवल सीजन में नई गाड़ी खरीदने का है प्लान, तो पढ़ें ये खबर, चंडीगढ़ में नए वाहन के रजिस्ट्रेशन पर फंसेगा पेच

फेस्टिवल सीजन शुरू होने वाला है और नए वाहनों की खरीदारी भी बढ़ जाएगी। नवरात्र दशहरा और दिवाली के शुभ मुहूर्त पर लोग नए वाहन खरीदते हैं। ऐसे में अगर आप नया वाहन खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो थोड़ा सोच समझ कर खरीदें।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 22 Sep 2022 12:40 PM (IST) Updated:Thu, 22 Sep 2022 12:40 PM (IST)
फेस्टिवल सीजन में नई गाड़ी खरीदने का है प्लान, तो पढ़ें ये खबर, चंडीगढ़ में नए वाहन के रजिस्ट्रेशन पर फंसेगा पेच
चंडीगढ़ में ईवी पालिसी लागू हो गई है। सांकेतिक फोटो

आनलाइन डेस्क, चंडीगढ़। चंडीगढ़ को कारों का शहर कहा जाता है। क्योंकि चंडीगढ़ में दूसरे शहरों के मुकाबले प्रति व्यक्ति वाहन की खपत सबसे ज्यादा है। यूं कहें कि चंडीगढ़ में हर घर में कार और टू-व्हीलर हैं। चंडीगढ़ में हर महीने 5 हजार नए वाहन सड़कों पर उतरते हैं। 

वहीं अब फेस्टिवल सीजन शुरू होने वाला है और वाहनों की खरीदारी बढ़ जाएगी। नवरात्र, दशहरा और दिवाली के शुभ मुहूर्त पर लोग नए वाहन खरीदते हैं। ऐसे में अगर आप नया वाहन खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो थोड़ा सोच समझ कर खरीदें। क्योंकि चंडीगढ़ में अब ईंधन वाले वाहन से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों को तवज्जो दी जाएगी। खासकर यदि टू-व्हीलर खरीदने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है।

बता दें कि चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी लागू हो चुकी हैं। पालिसी के तहत सवा दो साल बाद यानी साल 2025 में चंडीगढ़ में पेट्रोल वाले टू-व्हीलर रजिस्टर्ड ही नहीं होंगे। इस बात को ऐसे समझिए कि अगर साल 2025 में कोई पेट्रोल वाला टू-व्हीलर खरीदता है तो उसे चंडीगढ़ का नंबर नहीं मिलेगा। क्योंकि प्रशासन इन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा देगा।

इस साल 35 प्रतिशत ई-टूव्हीलर रजिस्ट्रेशन का टारगेट

चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में इलेक्ट्रिक व्हीकल पालिसी (ईवी पालिसी) को लागू कर दिया है। पालिसी के तहत साल 2026 तक हर साल इलेक्ट्रिक व्हीकल रजिस्टर्ड करने का टारगेट रखा गया है। इस साल का भी प्रशासन ने 35 फीसद इलेक्ट्रिक टू व्हीलर और आटो को रजिस्टर्ड करने का टारगेट रखा है। इस साल के 9 माह पूरे होने वाले हैं। ऐसे में अगर अब तक 65 फीसद ईंधन वाले टू-व्हील गर रजिस्टर्ड हो चुके होंगे तो अब ऐसे टू-व्हीलर और आटो रजिस्टर्ड करवाने के लिए लोगों को अगले साल का इंतजार करना होगा।

50 फीसद ईंधन से चलने वाली कारें ही होगी रजिस्टर्ड

इलेक्ट्रिक दोपहिया और आटो को चौथे और पांचवे साल में 100 फीसद रजिस्टर्ड करने का टारगेट है। ऐसे में अगर कोई ईंधन वाले यह वाहन खरीदता है तो उन्हें किसी दूसरे राज्य में यह रजिस्टर्ड करवाने होंगे। जबकि साल 2026 में पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारें भी 50 फीसद ही रजिस्टड होंगी। इस साल 20 फीसद इलेक्ट्रिक कारों को रजिस्टर्ड करने का टारगेट रखा गया है। दूसरे कमर्शियल और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों को भी रजिस्टर्ड करने का टारगेट है। प्रशासन ने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों को इसेंसिटिव देने के अलावा रोड टैक्स में छूट देने का फैसला लिया है।

ईंधन वाली बसों और कमर्शियल कारों पर पूरी तरह से लगेगी पाबंदी

साल 2026 में ईधन से चलने वाली बसों पर भी रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से बंद हो जाएगी।प्रशासन ने चौथे साल 90 और पांचवे साल 100 फीसद ई बस रजिस्टर्ड करने का टारगेट रखा है। यही नियम ई-कार (व्यावसायिक) पर भी लागू होगा। इस तरह से शहर की सड़कों से आने वाले पांच साल में ईधन से चलने वाहन गायब होते जाएंगे।

हर साल शहर में बढ़ रहे वाहन

शहर में नए वाहन खरीदने का काफी क्रेज है। चंडीगढ़ में प्रति व्यक्ति वाहन की खपत अन्य राज्यों के मुकाबले में ज्यादा है। साल 2020 में 30 हजार 605 वाहन रजिस्टर्ड हुए थे जो कि बढ़कर साल 2021 में 38 हजार 247 हो गए। आरएलए के अनुसार साल 2020 में ईंधन से चलने वाली कारें जो 14 हजार 208 रजिस्टर्ड हुई थी वह साल 2021 में बढ़कर 19 हजार 903 पहुंच गई। जबकि दोपहिया वाहन जो साल 2020 में 14 हजार 984 रजिस्टर्ड हुए थी उनकी संख्या साल 2021 में बढ़कर 16 हजार 300 पहुंच गई। इलेक्ट्रिक व्हीकल जो साल 2020 में 370 रजिस्टर्ड हुए थे वह साल 2021 में बढ़कर 733 पहुंच गई। इस समय शहर में सिर्फ 2908 इलेक्ट्रिक व्हीकल हैं।सलाहकार धर्म पाल का कहना है कि निजी कारों को छोड़कर बाकी सभी कैटेगरी के ई वाहन साल 2026 में 100 फीसद रजिस्टर्ड होंगे।

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