डॉ. सरोजनी को मिलेगा नीरजा भनोट अवार्ड, अनाथ बच्चियों के लिए चलाती हैं मनीषा मंदिर

सरोजनी अग्रवाल एक अनाथालय चलाती हैं जिसका नाम मनीषा मंदिर है। इसमें सात सौ बेसहारा लड़कियां रह रही हैं। उन्हें नीरजा भनोट अवार्ड के लिए चुना गया है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 07 Sep 2017 02:00 PM (IST) Updated:Thu, 07 Sep 2017 02:00 PM (IST)
डॉ. सरोजनी को मिलेगा नीरजा भनोट अवार्ड, अनाथ बच्चियों के लिए चलाती हैं मनीषा मंदिर
डॉ. सरोजनी को मिलेगा नीरजा भनोट अवार्ड, अनाथ बच्चियों के लिए चलाती हैं मनीषा मंदिर

जेएनएन, चंडीगढ़। 26वां नीरजा भनोट बहादुरी पुरस्कार वीरवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की डॉ. सरोजनी अग्र्रवाल को हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी प्रदान करेंगे। कार्यक्रम सेक्टर-31 स्थित पीएचडी चैंबर में आयोजित किया जाएगा। नीरजा भनोट अवार्ड बीते 25 वर्षों से दिया जा रहा है। इस बार इस अवार्ड के लिए उत्तर प्रदेश की डॉक्टर सरोजनी अग्रवाल को चुना गया है।

अनाथालय में हैं सात सौ लड़कियां

सरोजनी अग्रवाल एक अनाथालय चलाती हैं जिसका नाम मनीषा मंदिर है। इसमें सात सौ बेसहारा लड़कियां रह रही हैं। यह वह लड़कियां हैं जिनके माता-पिता नहीं हैं या फिर किसी कारण से मां-बाप उन्हें अपने साथ नहीं रख सकते। लड़कियों की शादी होने तक उनके अनाथालय में रहने के अलावा खाने-पीने के साथ हर प्रकार की मूलभूत सुविधाएं सरोजिनी अग्रवाल की ओर से की जाती है।

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बेटी की मौत के बाद बनाया मंदिर

डॉक्टर सरोजनी ने बताया कि वर्ष 1978 में उनकी आठ वर्षीय बेटी का रोड एक्सीडेंट में देहांत हो गया। उसकी मौत ने मुझे पूरी तरह से तोड़कर रख दिया। करीब दो वर्षों तक मैं पूरे परिवार से कट कर रह गई। एक बार सड़क पर कुछ लड़कियों को भीख मांगते हुए देखा और वहीं से मुझे एक नया रास्ता मिल गया। मैंने एक मंदिर बनाने का निर्णय लिया लेकिन उस मंदिर में किसी भगवान को बिठाने के बजाए मैंने बेसहारा लड़कियों को रखना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे मैंने काम शुरू किया।

24 सितंबर 1984 को मेरा लक्ष्य पूरा हुआ और मनीषा मंदिर की शुरुआत हुई। मेरे इस काम में सभी का बहुत  सहयोग मिला। आज उस मंदिर में सात सौ लड़कियां रह रही हैं।  वह मंदिर कोई अनाथालय नहीं है बल्कि उन लड़कियों का घर है।

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सरोजनी ने बताया कि जब मैंने मंदिर को शुरू किया तो मेरे मन में एक सकून था कि यह सब मेरी बेटियां हैं। भगवान ने अगर एक बेटी छीन ली तो कई बेटियां दे दी। उन्हें अपने पास रखने के बाद उनकी शादी तक मैं कराती हूं। 

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