दहेज हत्या मामले में पति और सास को सात साल कैद, एक बरी

दहेज हत्या के मामले में जिला अदालत ने दो दोषियों को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Mar 2020 10:17 PM (IST) Updated:Fri, 13 Mar 2020 10:17 PM (IST)
दहेज हत्या मामले में पति और सास को सात साल कैद, एक बरी
दहेज हत्या मामले में पति और सास को सात साल कैद, एक बरी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : दहेज हत्या के मामले में जिला अदालत ने दो दोषियों को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है। वहीं एक व्यक्ति को उस पर केस साबित नहीं होने पर बरी कर दिया है। दोषियों की पहचान सेक्टर-52 के सचिन और उसकी मां बबली के रूप में हुई है। वहीं बरी हुए व्यक्ति की पहचान सचिन के फूफा राजिद्र कुमार है। वहीं मृतका सचिन की पत्नी नैना थी। राजिद्र के वकील दीक्षित अरोड़ा ने बताया कि अभियोजन पक्ष राजिद्र के खिलाफ केस को साबित नहीं कर पाया। उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि एक तो राजिद्र और नैना का परिवार एक ही घर में नहीं रहता। दूसरा अभियोजन पक्ष कहीं भी यह साबित नहीं कर सका कि राजिद्र ने कभी नैना को दहेज के लिए कहा हो। साथ ही राजिद्र की बहू कोर्ट में बताया कि उनके ससुर ने कभी उनसे दहेज की मांग नहीं कि तो नैना से कैसे दहेज के लिए कह सकते हैं।

दर्ज मामले के मुताबिक, नैना की माता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी बेटी की शादी सेक्टर-52 निवासी सचिन के साथ हुई थी। शादी के समय दहेज भी दिया था। लेकिन शादी के करीब एक साल बाद ही वह नैना से 50 हजार रुपये और गाड़ी की मांग करने लगे। बेटी ने कई बार उनको फोन पर बताया भी था कि ये लोग दहेज के लिए उसे परेशान करते हैं और पीटते हैं। रोती हुई कहती थी कि अब दिल करता है कि अपनी जान दे दूं। नैना के ससुराल वाले उसे काली-काली बोलकर ताने भी देते थे। इस वजह से परेशान होकर उनकी बेटी ने जान दे दी।

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