पंजाब यूनिवर्सिटी में फीस मुद्दा तो बहाना है, संघ और भाजपा असली निशाना है

फीस के नाम पर न तो स्टूडेंट्स अधिकारियों से शांत तरीके से बात कर रहे हैं और न ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नियमों का पालन किया जा रहा है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 25 Aug 2020 03:00 PM (IST) Updated:Tue, 25 Aug 2020 03:00 PM (IST)
पंजाब यूनिवर्सिटी में फीस मुद्दा तो बहाना है, संघ और भाजपा असली निशाना है
पंजाब यूनिवर्सिटी में फीस मुद्दा तो बहाना है, संघ और भाजपा असली निशाना है

चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। पंजाब यूनिवर्सिटी में फीस लेने का अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि कैंपस में हो रहे प्रदर्शन में इस बात की गवाही दे रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स फीस मुद्दे के नाम पर केंद्र सरकार और संघ पर निशाना साध रहे हैं। फीस के नाम पर न तो स्टूडेंट्स अधिकारियों से शांत तरीके से बात कर रहे हैं और अगर कोई पीयू अधिकारी स्टूडेंट्स से बात करने आता है तो उस अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार और बदसलूकी की जाती है। इसके अलावा स्टूडेंट्स केवल और केवल भाजपा और संघ पर निशाना साध रहे हैं।

बिना परमिशन प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स

छात्र संगठनों से प्रदर्शन करने के लिए पीयू अथॉरिटी से परमिशन तक नहीं ली। नियमों को ताक पर रख कर कैंपस में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। जिसे रोकने में हर कोई असफल साबति हो रहा है।

पीयू छात्र काउंसिल अध्यक्ष के दावे खोखले

पीयू छात्र काउंसिल अध्यक्ष चेतन चौधरी ने एक दिन पहले प्रदर्शन के बारे जानकारी दी। उन्होंने एक पोस्ट अपलोड करके प्रदर्शन के समय फिजिकल डिस्टेंसिंग को फॉलो करने की बात कही थी। लेकिन अभी हुए हर प्रदर्शन में स्वंय चेतन ने ही इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं। जिसमें एबीवीपी को छोड़कर सभी ने उनका साथ दिया है।

गाइंडलाइंस की उड़ाई जा रही धज्जियां

कोविड-19 के चलते केंद्र सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और पीयू प्रशासन द्वारा कई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। इन गाइडलाइंस का कैंपस में जमकर उल्लंघन किया जा रहा है। जिसे न तो पुलिस रोक रही है, ना ही पीयू प्रशासन और ना ही चंडीगढ़ प्रशासन। कैंपस के स्टूडेंट्स अपने आगे कोरोना माहामारी और सरकार के आदेशों को छोटा समझ रहे है। वहीं प्रदर्शन के समय नारे लगाते हुए स्टूडेंट्स अपना मास्क नीचे कर देते हैं, जिसकी वजह से कोरोना संक्रमण फैसले का डर बना रहता है।

तू तड़ाके पर उतरे स्टूडेंट्स

हर बार देखा जाता है कि जब भी एसएफएस या उसके सहयोगी छात्र संगठन प्रदर्शन करते हैं तो, शब्दों के चयन और गुरू-शिष्य की भावना तार-तार होती है। इस बार भी ऐसा कुछ हुआ, जब डीएसडब्ल्यू प्रो. एसके तोमर और प्रो. सुखबीर कौर स्टूडेंट्स से मिलने के लिए वहां पहुंचे। प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने दोनों के साथ बुरा व्यवहार किया। प्रो. तोमर के अलावा महिला डीएसडब्ल्यू तक से तू तड़ाके से बात की गई।

टीचिंग बंद फिर कैसे स्टूडेंट्स आ रहे हैं कैंपस

यहां पीयू प्रशासन की लापरवाही साफ देखी जा सकती है। वैसे तो पीयू में पीयू में टीचिंग 31 अगस्त तक बंद है, उसके बावजूद प्रदर्शन करने के लिए कई स्टूडेंट्स अपने निजी वाहनों से कैंपस में आ रहे है। जिन्हें रोकने में पीयू सिक्योरिटी चीफ के पसीने छूट रहे है। वहीं जो स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे है उन्हें नियमों को ताक पर रख खुद पीयू अथॉरिटी ने हॉस्टल में रहने की परमिशन दी है।

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