कैप्टन अमरिंदर ने केंद्र सरकार से पंजाब में मांगी व्यापारिक गतिविधियां शुरू करने की इजाजत
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में व्यापारिक गतिविधियां शुरू करने की केंद्र से इजाजत मांगी है। पीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंंसिंग में नंबर नहीं आने के बाद केंद्र को पत्र लिखा।
चंडीगढ़, जेएनएन। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से पंजाब में कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में छोटी दुकानों को खोलने और व्यापारिक गतिविधियां शुरू करने की मंजूरी मांगी है। सोमवार को मुख्यमंत्रियों की वीडियो कान्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात न हो पाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कैप्टन ने पत्र लिखा है। पत्र में केंद्र को पंजाब के बकाया जीएसटी के 4386.36 करोड़ रुपये तुरंत जारी करने की भी अपील की है।
प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग में नहीं आया पंजाब का नंबर, अब पत्र लिखा
प्रधानमंत्री के साथ नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को सीधे बात करने का अवसर दिया गया। इसमें पंजाब का नंबर नहीं आया। जिनका नंबर नहीं आया उन मुख्यमंत्रियों को अपने विचार पत्र के माध्यम से केंद्र को भेजने को कहा गया। कैप्टन ने पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए किए जा रहे प्रबंधों के कारण राज्य का खर्च काफी बढ़ गया है, इसलिए जीएसटी का बकाया शीघ्र जारी किया जाए। उन्होंने पत्र में जो मांगें की हैैं उनमें से कई वे पहले लिखे पत्रों में भी कर चुके हैैं।
केंद्र से की गई प्रमुख मांगें
-देरी से मंडियों में गेहूं लाने वाले किसानों को केंद्र की ओर से बोनस दिया जाए।
-कोरोना के खिलाफ मोर्चे पर डटे पुलिसकॢमयों और सफाईकॢमयों के लिए विशेष जोखिम बीमा का प्रावधान हो।
-लघु एवं छोटे उद्योगों और बिजली उत्पादन या वितरण करने वाली कंपनियों को ब्याज से छूट मिले।
-उद्योगों व बिजली कंपनियों के ऋण वसूली को टालने के साथ जीएसटी कम किया जाए।
-अपनी आजीविका खोने वाले सभी मजदूरों के लिए छह हजार मासिक की बेसिक इनकम का प्रावधान हो।
-राज्यों को अगले तीन महीने तक राजस्व अनुदान दिया जाए जिसे अपनी जरूरत के मुताबिक खर्च करने की छूट मिले।
-15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट पर पुनॢवचार किया जाए।
-अप्रैल 2021 से अगले पांच सालों में राज्यों को दिए जाने वाले अनुदान का अनुमान कोरोना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों के हिसाब से हो।
-मनरेगा के अंतर्गत तीन महीनों के लिए 15-15 दिन का बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
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