नए साल के स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ सकता है सिटी ब्यूटीफुल, जानें क्या है इसकी वजह

यह बात सुनकर आपको कड़वी लगे, लेकिन यह कहना पड़ेगा कि सिटी ब्यूटीफुल का नए साल के स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ना तय है।

By Edited By: Publish:Mon, 17 Dec 2018 05:24 AM (IST) Updated:Mon, 17 Dec 2018 11:02 AM (IST)
नए साल के स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ सकता है सिटी ब्यूटीफुल, जानें क्या है इसकी वजह
नए साल के स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ सकता है सिटी ब्यूटीफुल, जानें क्या है इसकी वजह

चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। यह बात सुनकर आपको कड़वी लगे, लेकिन यह कहना पड़ेगा कि सिटी ब्यूटीफुल का नए साल के स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ना तय है। इसका बड़ा कारण यह है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में अव्वल आने के लिए जो नगर निगम को तैयारी करनी थी, वह भाजपा के अपने पार्षदों की राजनीति की भेंट चढ़ गई। जी हां, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी और डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन के लिए जो डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट थी, वह अब तक पास नहीं हो पाई है। जब तक यह पास नहीं होगी, तब तक सूखे और गीले कचरे का शहर से सेग्रीगेशन नहीं शुरू होगा। इस साल हुए सर्वेक्षण में चंडीगढ़ को तीसरा स्थान मिला था। जिसके बाद चंडीगढ़ ने नंबर-1 आने का दावा किया था। इस साल हुए सर्वेक्षण में जो भी टॉप-10 पर शहर रहे हैं, उन सबमें सेग्रीगेशन का काम चल रहा है।

पिछले माह टाल दी गई अधिकारियों की रिपोर्ट

पिछले माह अधिकारियों की रिपोर्ट आई, लेकिन यह कहकर टाल दिया गया है कि इसमे लोगों और गारबेज कलेक्टरों के सुझाव लिए जाएं। इसके लिए मेयर ने एक कमेटी का गठन भी किया। जबकि कलेक्टर नगर निगम के अंतर्गत काम करने के लिए तैयार नहीं। ऐसे में मेयर द्वारा गठित कमेटी 19 दिसंबर को होने वाली सदन की बैठक में रिपोर्ट पेश नहीं कर रही है। मेयर देवेश मोदगिल का कहना है कि कमेटी ने रिपोर्ट देने के लिए कुछ समय और मांग लिया है।

इसलिए पिछड़ेगा चंडीगढ़

-ऐसे में रिपोर्ट अगले माह नए मेयर के कार्यकाल में आएगी। तब रिपोर्ट पास होने के बावजूद नगर निगम कचरा उठाने वाली गाड़ियां और रेहड़ियां नहीं खरीद पाएगा।

-इस बार केंद्र सरकार ने सर्वेक्षण के लिए सर्वे भी जल्द करवाने की घोषणा कर दी है। इस बार सर्वे 4 से 30 जनवरी के बीच होगा। ऐसे में तब तक शहर में न तो गाड़ियां खरीदी जाएंगी और न ही सेग्रीगेशन शुरू हो पाएगा।

-हर बार सर्वे फरवरी और मार्च में होता रहा है। दूसरा बड़ा कारण यह है कि अगले साल रिजर्व कैटेगरी का मेयर बनना है और सभी दावेदार अभी से डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्टरों के पक्ष में हैं। वे भी कलेक्टरों को नगर निगम के पेरोल में काम करवाने के लिए तैयार नहीं हैं।

पिछली बार हवा में किए थे दावे

सर्वेक्षण में 5 स्टार रेटिंग के लिए कचरे की सेग्रीगेशन घर और दुकान स्तर पर ही होनी चाहिए, लेकिन शहर में इस समय ऐसा नहीं हो रहा है। पिछले सर्वेक्षण में भी चंडीगढ़ नगर निगम ने झूठ बोलकर दस्तावेज दिए थे कि 21 वार्ड में सेग्रीगेशन हो रही है। लेकिन इस बार सर्वेक्षण में ऐसा नहीं हो सकता। केंद्र सरकार की टीम हर दावे का थर्ड पार्टी निरीक्षण भी करवा रही है।

इस तरह निर्धारित है रेटिंग

अगर सूखा और गीला कचरा 25 प्रतिशत अलग-अलग इकट्ठा हो रहा है तो वन स्टार -50 प्रतिशत होने पर टू स्टार -80 प्रतिशत होने पर 3 स्टार -शत प्रतिशत पर 5 स्टार रेटिंग मिलेगी। चंडीगढ़ इस मामले में अभी फिसड्डी साबित हो रहा है।

बाजारों की सफाई भी दो बार नहीं हो रही

अगर रेजिडेंशियल व पब्लिक एरिया और बाजारों की सफाई प्रतिदिन एक बार होती है, तो एक से चार स्टार तक की रेटिंग मिलेगी। 5 स्टार रेटिंग के लिए इन इलाकों में सुबह और रात में दो बार सफाई होनी चाहिए। वर्तमान में शहर में इस समय सफाई केवल एक बार ही हो रही है। इस तरह के कुल 21 मापदंड हैं, जिनमे प्रथम आने पर चंडीगढ़ को 5 स्टार रेटिंग लेनी है।

एक साल में जो कर सकते थे, वह किया: मेयर

मेयर देवेश मोदगिल का कहना है कि एक साल के कार्यकाल में, जो वे कर सकते थे, किया। अच्छा होता कि पीएम नरेंद्र मोदी के सपनों के स्वच्छ भारत मिशन को साकार करने का सभी प्रयास करते। सभी की सहमति बननी जरूरी थी। कुछ लोगों के अपने नजरिये हैं, पूरी ईमानदारी से काम किया। इस बार सर्वेक्षण के लिए सर्वे केंद्र सरकार द्वारा जनवरी माह में हो रहा है। जबकि पहले फरवरी से मार्च तक होता था। अपने स्तर पर चार माह तक पूरे शहर में लोगों को जागरूक करने के लिए वार्ड वाइज बैठकें की। ऐसे में देरी होने के कारण नुकसान हो सकता है।

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