एईटीसी चौधरी की पद्म मोटर्स पर मेहरबानी, 1.73 करोड़ के घोटाले में नहीं विजिलेंस इन्क्वायरी

डिफाल्टर पद्म मोटर्स के खिलाफ अभी तक विजिलेंस इन्क्वायरी शुरू नहीं हुई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 09:25 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 09:25 PM (IST)
एईटीसी चौधरी की पद्म मोटर्स पर मेहरबानी, 1.73 करोड़ के घोटाले में नहीं विजिलेंस इन्क्वायरी
एईटीसी चौधरी की पद्म मोटर्स पर मेहरबानी, 1.73 करोड़ के घोटाले में नहीं विजिलेंस इन्क्वायरी

विशाल पाठक, चंडीगढ़ : 1.73 करोड़ रुपये के डिफाल्टर पद्म मोटर्स के खिलाफ अभी तक विजिलेंस इन्क्वायरी शुरू नहीं हुई। एक्साइज एंड टैक्सेशन डिप्टी कमिश्नर आरके पोपली ने सितंबर 2019 में पद्म मोटर्स की अपील खारिज करते हुए विजिलेंस इन्क्वायरी के आदेश दिए थे। पोपली ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यह करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला है। ऐसे में एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट को इस केस की सीबीआइ या ईडी से जांच करानी चाहिए। ताकि पद्म मोटर्स के सभी रिकॉर्ड चेक कर करोड़ों रुपये के इस घोटाले को पकड़ा जा सके। डिप्टी कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि हो सकता है कि कंपनी ने बीते कई साल में भी टैक्स में घोटाला किया हो। इसके लिए डिप्टी कमिश्नर पोपली ने एईटीसी आरके चौधरी को ऑर्डर किए थे। डिप्टी कमिश्नर के ऑर्डर के बावजूद एईटीसी चौधरी ने पद्म मोटर्स के केस में विजिलेंस जांच नहीं करवाई। उलटा इस केस की फाइल बंद कर दी। दूसरी तरफ पद्म मोटर्स ने ट्रिब्यूनल में अपील फाइल कर दी। बता दें एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने पद्म मोटर्स के खिलाफ 1.73 करोड़ रुपये पेनल्टी लगाई थी। 23 मई 2013 को पद्म मोटर्स पर हुई थी रेड

यूटी एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट की टीम ने 23 मई 2013 को इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में पद्म मोटर्स के प्लॉट पर रेड की थी। जहां 100 से ज्यादा महंगी कारें खड़ी थी। जब अधिकारियों ने यहां रेड की। इन 100 से ज्यादा महंगी कारों में से कंपनी एक के भी परचेज डॉक्यूमेंट्स नहीं दिखा सकी। जब कंपनी के शोरूम और वेयरहाउस पर रेड की गई थी। यहां 351 व्हीकल्स वेयरहाउस और कंपनी के शोरूम में पाई गई थी। इन सभी गाड़ियों का कंपनी के पास कोई भी परचेज वाउचर और सेल बिल नहीं था। इस पर यूटी एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने पंजाब वेल्यू एडेड टैक्स-2005 के सेक्शन 46(6) पी के तहत सभी गाड़ियां सीज कर ली थी। इनमें शेव्रोले की 158 और रेनॉल्ट की 164 गाड़ियां कंपनी के गोदाम और 28 गाड़ियां शेव्रोले की शोरूम में बिना परचेज और सेल बिल डॉक्यूमेंट की पकड़ी गई थी। इनमें से कंपनी ने अपील के दौरान केवल 272 गाड़ियों के परचेज डॉक्यूमेंट्स दिखाए थे। जबकि 129 गाड़ियों की कंपनी कोई भी डॉक्यूमेंट पेश नहीं कर पाई थी। 25 करोड़ के डिफाल्टर पांच बोगस स्क्रैप डीलरों पर भी नहीं दर्ज हुई एफआइआर

डीसी मनदीप सिंह बराड़ ने स्वयं संज्ञान लेते हुए 25 करोड़ रुपये के टैक्स डिफाल्टर शहर के पांच बोगस स्क्रैप डीलरों पर एफआइआर दर्ज करने आदेश दिए थे। एईटीसी चौधरी की मेहरबानी से अभी तक इन पांचों बोगस स्क्रैप डीलरों पर एफआइआर दर्ज नहीं हुई है। चंडीगढ़ पुलिस के ईओडब्ल्यू (इकनोमिक ऑफेंस विग) के अधिकारियों का कहना है कि डिपार्टमेंट से इन बोगस स्क्रैप डीलरों के संदर्भ में कई जानकारी मांगी हुई है। जोकि डिपार्टमेंट उपलब्ध नहीं करा रहा है। ऐसे में इन डीलरों के खिलाफ जांच कर एफआइआर दर्ज करने में देरी हो रही हैं। 25 करोड़ रुपये के इन पांच बोगस स्क्रैप डीलरों में खुड्डा जस्सू से रजिस्टर्ड एके ट्रेडिग कॉरपोरेशन का नाम शामिल हैं। जिसकी 21.67 करोड़ रुपये की टर्नओवर हैं। इस पर 9.10 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगी है। धनास से रजिस्टर्ड विनिता एंटरप्राइजेज पर 5.10 करोड़ की पेनल्टी, मक्खनमाजरा से रजिस्टर्ड आरजे एंटरप्राइजेज पर 96.27 लाख रुपये की पेनल्टी, दड़वा से रजिस्टर्ड महादेव मेट्लस पर 4.02 करोड़ रुपये की पेनल्टी और सेक्टर-9 से रजिस्टर्ड एचएस ग्रुप पर 16.03 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई गई है। पद्म मोटर्स के खिलाफ मैंने सीबीआइ या ईडी से विजिलेंस इन्क्वायरी के आदेश दिए थे। 1.73 करोड़ रुपये के डिफाल्टर पद्म मोटर्स के पुराने रिकॉर्ड और टैक्स के जांच के आदेश दिए थे, कंपनी पर कई करोड़ रुपये के घोटाले का शक है, ऐसे में विजिलेंस इन्क्वायरी जरूर होनी चाहिए।

-राकेश कुमार पोपली, डिप्टी कमिश्नर, एक्साइज एंड टैक्सेशन, चंडीगढ़ पद्म मोटर्स ने ट्रिब्यूनल में अपील की है। विजिलेंस इन्क्वायरी के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, डिपार्टमेंट अपनी कार्रवाई कर रहा है।

-आरके चौधरी, एईटीसी, चंडीगढ़

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