प्रोफेसर्स की पेंशन के मामले में पीयू के रजिस्ट्रार को नोटिस

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : 2006 से पहले रिटायर हुए प्रोफेसर्स की पेंशन घटाकर इस दौरान जारी की गई अधिक प

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Jan 2018 10:03 PM (IST) Updated:Tue, 23 Jan 2018 10:03 PM (IST)
प्रोफेसर्स की पेंशन के मामले में पीयू के रजिस्ट्रार को नोटिस
प्रोफेसर्स की पेंशन के मामले में पीयू के रजिस्ट्रार को नोटिस

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : 2006 से पहले रिटायर हुए प्रोफेसर्स की पेंशन घटाकर इस दौरान जारी की गई अधिक पेंशन की रिकवरी के पीयू के आदेशों पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को रोक लगा दी। अदालत ने साथ ही पीयू के रजिस्ट्रार को छह मार्च के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है।

जस्टिस जसपाल सिंह ने यह आदेश पीयू के रिटायर प्रो. आरडी आनंद की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में प्रो. आनंद ने हाईकोर्ट को बताया कि वह पीयू से 2006 से पहले रिटायर हुए थे। तब उनकी मासिक पेंशन 24 हजार 674 रुपये तय हुई थी। अब पीयू ने 16 जनवरी को उन्हें एक ऑफिस आर्डर भेज कहा है कि उनकी पेंशन पहले गलत तय कर दी गई थी। अब उन्हें प्रतिमाह 24,674 की बजाय 22,982 रुपये पेंशन मिलेगी। इस दौरान उन्हें अधिक पेंशन की राशि या तो जमा करवाने होगी या इसे आगे जारी होने वाली पेंशन से उसे काटा जा सकता है।

याचिकाकर्ता के अनुसार पीयू ने इसके पीछे पंजाब सरकार की वर्ष 2015 की नोटिफिकेशन का हवाला दिया है। इसमें तय किया गया है कि अगर पेंशन ज्यादा तय हो जाए तो उसकी बाद में वसूली की जाए। याचिकाकर्ता के अनुसार पीयू सेंट्रल एक्ट के तहत बनी है। पीयू के प्रोफेसर्स पर पंजाब सरकार के नहीं बल्कि केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट कई मामलों में यह तय कर चुका है कि अगर गलत पेंशन तय कर दी जाए तो उसकी वसूली नहीं की जा सकती है। वहीं, पीयू के केलेंडर के वॉल्यूम-1 के पंजाब यूनिवर्सिटी इंप्लायज (पेंशन) 1991 रेगुलेशन 2.4 के तहत यह साफ किया गया है कि एक बार तय की गई पेंशन की वसूली नहीं की जा सकती है।

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