स्केटिंग में लोहा मनवा रहे चंडीगढ़ के होनहार

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : स्पीड हर किसी को पसंद होती है। स्पीड से जुड़ी कई खेलें हैं जिनका रोमांच हर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jun 2017 01:01 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jun 2017 01:01 AM (IST)
स्केटिंग में लोहा मनवा रहे चंडीगढ़ के होनहार
स्केटिंग में लोहा मनवा रहे चंडीगढ़ के होनहार

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : स्पीड हर किसी को पसंद होती है। स्पीड से जुड़ी कई खेलें हैं जिनका रोमांच हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। स्केटिंग भी एक ऐसा खेल है। जिसमें खिलाड़ियों को पैरों में पहिए बांधकर अपनी स्पीड को बैलेंस करना होता है। सेक्टर-10 के स्केटिंग ¨रक में इस समय 200 के करीब बच्चे हैं जोकि इस खेल में करियर बनाने के लिए सपने संजो रहे हैं। इस स्केटिंग ¨रक से साहिब दीप, गौरव रहेजा, आर्यमान, अनमोल सूद, विमल नंदा, अर्जुन बाजवा, विपन कुमार जैसे शानदार स्केटर्स निकल चुके हैं जिन्होंने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी जीत का लोहा मनवाया है।

तीन साल से ले रहे हैं कोचिंग

स्केटिंग खिलाड़ी हिमांशु ने बताया कि वह पिछले तीन साल से स्केटिंग की कोचिंग ले रहे हैं, अब तक वह दो बार नेशनल खेल चुके हैं। स्टेट प्रतियोगिता में वह मेडल भी जीत चुके हैं। स्केटिंग से आपकी फिटनेस बेहतर रहती है क्योंकि यह बैलेंस का खेल है।

इस बार है मेडल की उम्मीद

स्केटिंग खिलाड़ी आदित्य ने बताया कि वह तीन साल से स्केटिंग कर रहे हैं। अब वह प्रतियोगिता के लिए अपने आप को तैयार कर रहे हैं। कोचिंग में पूरा ध्यान दे रहे हैं और उम्मीद है कि इस बार जरूर कोई मेडल आ सकता है।

रोलर हॉकी का करता हूं अभ्यास

स्केटिंग खिलाड़ी शौर्य ने बताया कि वह स्केटिंग ¨रक में रोलर हॉकी का अभ्यास करते हैं। नेशनल रोलर हॉकी प्रतियोगिता में ब्रांज मेडल जीत चुके हैं।

यह खेल मेरी बेहतरीन पसंद

स्केटिंग खिलाड़ी आर्यन ने बताया कि वह डेढ़ साल से स्केटिंग सीख रहे हैं। हाल ही में एक प्रतियोगिता में उन्होंने ब्रांज मेडल जीता है। यह खेल मुझे बहुत अच्छी लगती है।

जानिए : क्या है स्केटिंग रिंक

स्केटिंग रिंक दो तरह के होते है। पहला स्पीड स्केटिंग ट्रैक होता है। इसमें 200, 300 और 500 मीटर की रेस होती है। दूसरा रोलर हॉकी रिंक, जिसमें रोलर हॉकी के मुकाबलों का आयोजन किया जाता है।

तीन साल की उम्र से सीख सकते हैं स्केटिंग

स्केटिंग सीखने के लिए कोई भी उम्र तय नहीं है, लेकिन जो खिलाड़ी स्केटिंग में भविष्य बनाना चाहते हैं, वह तीन साल की उम्र से स्केटिंग कर सकते है। इससे उन्हें स्पीड और बॉडी में बैलेंस बनाना आसान रहता है।

स्केटिंग सीखने की फीस

सेक्टर-10 के स्केटिंग ¨रक में स्केटिंग सीखने के लिए मामूली दर रखी गई है। इसमें छात्रों से सालाना फीस 400 रुपये ली जाती है, जबकि अन्य के लिए 800 रुपये फीस रखी गई है।

सिटी ब्युटीफुल में स्केटिंग के लिए बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है। शहर के कई स्कूलों में अपने स्केटिंग ¨रक हैं। इसके अलावा खेल विभाग की तरफ से भी स्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सेक्टर-10 के स्केटिंग ¨रक में इस समय 200 के करीब खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं। इसमें 100 से ज्यादा बच्चे हैं जोकि अभी स्केटिंग सीख रहे हैं। 50 के करीब ऐसे स्केटर्स हैं जो स्पीड बैच में आते हैं यह स्केटर्स प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए तैयारी कर रहे हैं।

-सर्वजीत सिंह मांगट, सेक्टर-10, स्केटिंग ¨रक के कोच

सेक्टर-10 के स्केटिंग ¨रक में साल 1970 से खिलाड़ियों को स्केटिंग की कोचिंग दी जा रही है। दो साल पहले यूटी स्पो‌र्ट्स विभाग की तरफ से स्केटिंग की ग्रेडिंग कर दी गई। जिसके बाद अब नेशनल व इंटरनेशनल खेलने वाले स्केटर्स को अन्य खेलों की तरह स्कॉलरशिप दी जाती है। स्पो‌र्ट्स डिपार्टमेंट के इस फैसले के बाद स्केटिंग में युवा खासा उत्साह दिखा रहे हैं।

-रोहित रंधावा, सेक्टर-10 स्केटिंग ¨रक के कोच

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