तीन साल बाद मिली प्राथमिक स्वास्थ्य व शिक्षा कमेटियों को मंजूरी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्राथमिक स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने

By Edited By: Publish:Tue, 28 Oct 2014 10:27 PM (IST) Updated:Tue, 28 Oct 2014 10:27 PM (IST)
तीन साल बाद मिली प्राथमिक स्वास्थ्य व शिक्षा कमेटियों को मंजूरी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्राथमिक स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए दो महत्वपूर्ण कमेटियों के गठन को तीन साल बाद मंजूरी मिल गई है। यूटी प्रशासक शिवराज पाटिल ने चंडीगढ़ में प्राथमिक स्वास्थ्य और शिक्षा कमेटियों के गठन को मंजूरी दे ही दी। दोनों विशेष कमेटियों का गठन पंजाब म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन अधिनियम 1976 की प्रशासन द्वारा संशोधित धारा 41 ई के तहत किया गया। ये दोनों कमेटिया अपने-अपने क्षेत्र में कार्य करवाने पर 15 लाख रुपये तक व्यय कर सकती हैं। दोनों कमेटियों में चंडीगढ़ नगर निगम के पार्षद सदस्य रहेंगे। इन कमेटियों का कार्यकाल 15 जुलाई 2015 तक रहेगा।

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जुलाई में नौ उप कमेटियों को मिल गई थी अनुमति

प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा व प्राथमिक शिक्षा विभाग आशिक रूप से निगम के हवाले करने के तीन साल बाद दोनों विभागों के काम को सही तरीके से चलाने के लिए प्रशासन द्वारा इन कमेटियों के गठन की अनुमति दी गई। निगम की अन्य 9 उप कमेटियों के गठन को भी जुलाई में ही प्रशासक द्वारा स्वीकृति दे दी गई थी। इन दोनों नई कमेटियों का कार्यकाल भी निगम की अन्य 9 उप कमेटियों के साथ ही पूरा हो जाएगा।

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निगम को तीन कमेटियां ही बनाने का अधिकार

नगर निगम तीन सालों से अन्य कमेटियों की भाति उक्त दोनो विभागों की कमेटियों का गठन कर प्रशासन को भेजता रहा है, पर गठन की अनुमति अब मिली। हर वर्ष इन कमेटियों के गठन को मंज़ूरी देने में की जा रही अनावश्यक देरी के चलते नगर निगम ने जनवरी में नगर निगम सदन की बैठक में कमेटियों के गठन के लिए अपने नियम बनाने का प्रस्ताव पास करते हुए एक कमेटी का भी गठन किया गया था। चंडीगढ़ में लागू पंजाब म्युनिसिपल एक्ट के तहत नगर निगम मात्र तीन कमेटियों का गठन कर सकता है व अन्य 9 उप कमेटियों के लिए उसे प्रशासन की अनुमति लेनी जरूरी होती है। निगम केवल रोड कमेटी, जलापूर्ति एवं सीवरेज कमेटी व हाउस टैक्स कमेटी का गठन ही कर सकता है। 2012 में निगम द्वारा प्रस्ताव भेजे जाने के पाच माह बाद प्रशासन से कमेटियों के गठन की मंज़ूरी मिली थी। तभी से कमेटियों का कार्यकाल महापौर के एक वर्ष के कार्यकाल से मेल नहीं खाता। महापौर का चुनाव 1 जनवरी को पूरा हो जाता है जबकि कमेटियों का कार्यकाल जुलाई माह में खत्म होता है।

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कमेटियों के अधिकार

प्राथमिक स्वास्थ्य कमेटी मरम्मत व निर्माण का कार्य भी संचालित करेंगी। वहीं व्हील चेयर, स्ट्रेचर, शुद्ध किये गए पेयजल की आपूर्ति, बाधा रहित प्रवेश, मातृ एवं बाल सुरक्षा, आवश्यक दवाएं, कूड़ा निस्तारण, डिस्पेंसरियों में बैठने की व्यवस्था, सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों पर नजर रखकर अपनी सलाह प्रशासन को देगी। साथ ही डिस्पेंसरियों में आने वाले रोगियों को मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ, डॉक्टरों की कमी के बारे में सलाह देते हुए निरीक्षण भी करेगी। वहीं प्राथमिक शिक्षा कमेटी छात्रवृत्ति, स्कूल ड्रेस, किताबें, मिड डे मील, पढ़ाने के तरीकों के बारे में अपनी सलाह प्रशासन को देगी। साथ ही स्कूलों का निरीक्षण कर स्कूलों का आधुनिकीकरण करने के बारे में अपनी भूमिका अदा करेगी।

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इन्हें मिली जिम्मेदारी

प्राथमिक स्वास्थ्य कमेटी में पार्षद प्रदीप छाबड़ार, शीला देवी, सतीश कैंथ, गूरबक्श रावत, एमपी कोहली, डॉ. शगुफ्ता प्रवीन, राजेश गुप्ता, राजिंदर कौर रत्तू और गुरुचरण दास काला को शामिल किया गया है। वहीं प्राथमिक शिक्षा कमेटी में पार्षद बाबू लाल, अरुणा गोयल, सुभाष चावला, पूनम शर्मा, दर्शन गर्ग, अरुण सूद, देसराज गुप्ता, सतिंदर सिंह व जन्नत जहा का चयन किया गया है।

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