फ‌र्स्ट टर्म की परीक्षा अगले माह, अब तक नहीं मिलीं किताबें

अब तक सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को कई विषयों की अंग्रेजी माध्यम की किताबें नहीं मिल पाई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 04:34 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 04:34 AM (IST)
फ‌र्स्ट टर्म की परीक्षा अगले माह, अब तक नहीं मिलीं किताबें
फ‌र्स्ट टर्म की परीक्षा अगले माह, अब तक नहीं मिलीं किताबें

संस, बठिडा: एक तरफ शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने का दावा करता है, वहीं दूसरी तरफ अब तक सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को कई विषयों की अंग्रेजी माध्यम की किताबें नहीं मिल पाई हैं, जबकि अगले माह दिसंबर में फ‌र्स्ट टर्म की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। सबसे ज्यादा परेशान वे विद्यार्थी हैं जो निजी स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में आए हैं और अब अंग्रेजी मीडियम की किताबें न मिलने के कारण पढ़ाई खराब हो रही है।

सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को सामाजिक शिक्षा, साइंस व मैथ्स की अंग्रेजी मीडियम की किताबें नहीं मिल पाई हैं, जबकि जब उन्होंने निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया था, तो शिक्षा विभाग ने किताबें देने का वादा किया था। अब वे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। हालांकि कुछ विद्यार्थियों को किताबें मिलीं, लेकिन ज्यादातर को यह बोल दिया गया कि विभाग किताबें देगा तो किताबें दी जाएंगी। इस कारण विद्यार्थियों को आने वाली परीक्षाओं की पढ़ाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं जिन बच्चों को पहले किताबें मिली हैं, वह भी अध्यापकों द्वारा पुराने विद्यार्थियों से किताबें लेकर दी गई है। पंजाबी और हिदी में ही पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी जिले में 398 प्राइमरी स्कूल व 276 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। वहीं जिन ब्लाक में विद्यार्थी कम हैं, उन ब्लाक में सभी विद्यार्थियों को किताबें दी गई हैं, जबकि जिन ब्लाक में विद्यार्थी अधिक हैं, उन ब्लाक में विद्यार्थियों को किताबें नहीं मिल पाई हैैं। इसलिए विद्यार्थी पंजाबी व हिदी माध्यम में ही अपना सिलेबस पूरा कर रहे हैं, जबकि दिसंबर में बोर्ड क्लासेस और नान बोर्ड क्लासेस की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। ऐसे में विद्यार्थियों के पास एक महीने से भी कम का समय बचा है। समस्या से बचने के लिए विद्यार्थी हेल्प बुक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। कोट्स

विद्यार्थियों का यह समय पढ़ाई के लिए बेहद अहम है। इसलिए शिक्षा विभाग को चाहिए कि विद्यार्थियों को जल्द से जल्द पूरी किताबें मुहैया करवाई जाएं। अगर किताबें नहीं मिलीं तो आने वाले समय में एनरोलमेंट प्रक्रिया में भी स्कूल को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

- रेशम सिंह, प्रधान डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट

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