महिलाओं को बराबरी का अधिकार के दावे खोखले, जिले में 18 में से सिर्फ दो महिला उम्मीदवार

कांग्रेस शिअद तथा आप की ओर से सभी छह विधानसभा हलकों में अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Jan 2022 03:36 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jan 2022 03:36 AM (IST)
महिलाओं को बराबरी का अधिकार के दावे खोखले, जिले में 18 में से सिर्फ दो महिला उम्मीदवार
महिलाओं को बराबरी का अधिकार के दावे खोखले, जिले में 18 में से सिर्फ दो महिला उम्मीदवार

जीवन जिदल, रामपुरा फूल

अपने भाषणों में अकसर महिलाओं को बराबरी का अधिकार देने के दावे करने वाले विभिन्न राजनीतिक दल अपने इन दावों के प्रति कितने गंभीर हैं, इस बात का अंदाजा विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा किए गए टिकट आवंटन से ही लगाया जा सकता है।

जिला बठिडा में तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस, शिअद तथा आप की ओर से सभी छह विधानसभा हलकों में अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। तीनों राजनीतिक दलों द्वारा घोषित अठारह उम्मीदवारों की सूची में सिर्फ दो महिला उम्मीदवारों के नाम ही शामिल किए गए हैं, जोकि घोषित किए गए उम्मीदवारों का महज दस फीसद है। इनमें से कांग्रेस द्वारा हलका मौड़ से डा. मनोज उर्फ मंजू बांसल तथा आम आदमी पार्टी द्वारा हलका तलवंडी साबो से विधायक प्रो. बलजिदर कौर को उम्मीदवार बनाया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि नन्ही छांव का नारा देने वाले शिअद द्वारा जिले से एक भी महिला को उम्मीदवार नहीं बनाया गया। छह विधानसभा हलकों तथा करीब 14 लाख 78 हजार आबादी वाले जिला बठिडा से शिअद को एक भी महिला प्रत्याशी नहीं मिली। यह स्थिति सिर्फ विधानसभा चुनाव 2022 के लिए नहीं है, बल्कि विधानसभा चुनाव 2017 में भी शिअद तथा कांग्रेस द्वारा जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी के रूप में पुरुषों पर ही विश्वास जताया गया था।

जिले की राजनीति में इन महिलाओं ने बनाई खास पहचान ऐसा नहीं है कि बठिडा जिला की महिलाओं को राजनीति नहीं आती अथवा उनकी राजनीति में खास पकड़ नहीं है। शिअद के अध्यक्ष तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की पत्नी एवं पूर्व केंद्रीय कैंबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल पिछले बारह वर्ष से लोकसभा हलका बठिडा का प्रतिनिधित्व करती आ रही हैं। वह दो बार केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बन चुकी हैं। हरसिमरत कौर बादल के अलावा जिला बठिडा के गांव अकलिया जलाल में जन्मीं परमजीत कौर गुलशन भी शिअद के टिकट पर चुनाव लड़कर वर्ष 2004 से 2009 तक लोकसभा हलका बठिडा तथा वर्ष 2009 से 2014 लोकसभा हलका फरीदकोट से सांसद रह चुकी हैं। वहीं वर्ष 2017 में पहली बार पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी की ओर से जिला बठिडा की छह में से दो विधानसभा सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा गया था। इनमें तलवंडी साबो से प्रो. बलजिंदर कौर और बठिंडा देहाती से रूपिंदर कौर रूबी शामिल हैं। दोनों ही महिला प्रतशियों ने शानदार जीत दर्ज कर पंजाब विधानसभा की सदस्यता ग्रहण की थी। हालांकि रूपिंदर कौर रूबी अब कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं।

सिर्फ बातों तक ही सीमित हैं राजनीतिक दलों के वायदे लोगों का कहना है महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के बराबर लाने के राजनीतिक दलों के वादे तथा दावे सिर्फ बातों तक ही सीमित है। जबकि असलियत कुछ और ही कहती है। जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार जिला बठिडा की कुल आबादी तेरह लाख अठासी हजार पांच सौ पच्चीस है जिसमें पुरुषों की आबादी सात लाख पंताली हजार एक सौ सतानवे तथा महिलाओं की आबादी छह लाख पंताली हजार तीन सौ अठाइस है।

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