नामधारी सिखों ने आजादी आंदोलन मेंदिया अहम योगदान

बाबा सतगुरु राम ¨सह जी चेयर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ब¨ठडा में स्वतंत्र भारत में नामधारी सिखों पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 09:10 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 09:10 PM (IST)
नामधारी सिखों ने आजादी आंदोलन मेंदिया अहम योगदान
नामधारी सिखों ने आजादी आंदोलन मेंदिया अहम योगदान

जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : बाबा सतगुरु राम ¨सह जी चेयर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ब¨ठडा में स्वतंत्र भारत में नामधारी सिखों पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया। अध्यक्ष बाबा सतगुरु राम ¨सह चेयर प्रोफेसर डॉ कुलदीप ¨सह ने गणमान्य व्यक्तियों, नामधारी समुदाय के सदस्यों व विभिन्न संस्थानों से संकाय सदस्यों और छात्र प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने नामधारी समुदाय के विभिन्न नेताओं के योगदान का परिचय देते हुए संगोष्ठी का विषय पेश किया। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और अध्यक्ष सतगुरु राम ¨सह चेयर डॉ. जो¨गदर ¨सह ने नामधारी समाज के स्वतंत्रता योगदान के पूर्व और बाद पर प्रकाश डाला। उन्होंने कृषिविध कानून के नामधारी आंदोलन पर पड़े प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने आजादी के दौरान भारत और पाकिस्तान में रेडक्लिफ सीमा रेखा और बाड़ लगाने की प्रक्रिया के कारण नामधारी परिवारों द्वारा सामना की गई समस्याओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने पंजाब में बदलते समाज जनसांख्यिकी और उनके प्रभाव को समझने पर जोर दिया।

गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पूर्व कुलगुरू डॉ. एसपी ¨सह ने उल्लेख किया कि मुंशी प्रेम चंद कमल किशोर और कई अन्य भारतीय कवियों द्वारा नामधारी सिखों के आजादी आंदोलन में योगदान का उल्लेख है। उन्होंने बताया कि सतगुरु राम ¨सह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ गैर सहयोग आंदोलन शुरू करने वाले भारत के पहले नेता रहे है। कुलाधिपति हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रोफेसर हरमो¨हदर ¨सह बेदी समारोह के मुख्यअतिथि थे।

उन्होंने नामधारी समुदाय के स्वतंत्रता योगदान पर चर्चा की और उल्लेख किया कि गांधीजी ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए नींव बनाने में नामधारी लेहर को श्रेय दिया था। संयुक्त राज्य अमरीका के विद्वान प्रो गु¨रदर ¨सह मान ने ²श्य प्रस्तुति के साथ नामधारी समाज की जीवनशैली और संस्कृति साझा की।

नामधारी संप्रदाय के मुख्य सतगुरु उदय ¨सह ने उल्लेख किया कि नामधारी समाज को सिख धर्म से जुड़ने पर गर्व है। उन्होंने सामाजिक बुराइयों को हटाने में सतगुरु राम ¨सह का योगदान साझा किया और उल्लेख किया कि हम सभी को उनके दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। कुलगुरू पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रो. डॉ. आरके कोहली ने दिव्य आत्माओं के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और उल्लेख किया कि हमें सामाजिक बुराइयों को पूरी तरह से रोकने के लिए एक तंत्र बनाने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि एतिहासिक विकृतियों को खोजने और सतगुरु राम ¨सह जी के काम को उजागर करने के लिए शोध की जरूरत है। रजिस्ट्रार प्रोफेसर जगदीप ¨सह ने गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद दिया। इस अवसर पर संकाय सदस्यए विद्वान और छात्र उपस्थित थे।

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