बिना पैथोलॉजिसट जिले में चल रहे डायग्नोस्टिक लैब
ब¨ठडा: सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर जिले में अधिकांश
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा:
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर जिले में अधिकांश डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी बिना पैथालोजिस्ट के चल रही है। हाल में ही ब¨ठडा डायग्नोस्टिक लैब एसोसिएशन के तरफ से ब¨ठडा के सिविल सर्जन को लिखित मांगपत्र सौंप नियमों की अनदेखी करने वाले डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पैथालॉजिस्ट के बिना इन लैबों में किए जा रहे टेस्ट की रिर्पोट पर भी सवाल उठने लगे हैं। बिना पैथालोजिस्ट के नहीं चल सकती डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी
शहर में करीब 40 डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी चल रही है, जिन्हें डीएमएलटी के तरफ से चलाया जा रहा है, वहीं शहर के कई नर्सिग होम में भी डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी डाक्टरों के तरफ से चलाई जा रही है जो कि नियमों के खिलाफ है। नियमों के अनुसार डायग्नोस्टिक लैबोरेटरी केवल पैथालोजिस्ट की देखरेख में ही चलाई जा सकती है। डीएमएलटी सैंपलों की जांच तो कर सकता है पर उसे रिर्पोट देने का अधिकार नहीं होता है। एसोसिएशन ने सौंपा मांग पत्र, पर एक्शन नहीं
ब¨ठडा डायग्नोस्टिक लैब एसोसिएशन के तरफ से हाल में ही लिखित मांग पत्र सिविल सर्जन को देकर मांग की गई थी कि नियमों के विपरीत चल रहे लैब पर कार्रवाई की जाए। एसोसिएशन के प्रधान डॉ.अनीता मित्तल व जनरल सचिव डॉ.शीना गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि डायग्नोस्टिक लैब केवल पैथालोजिस्ट की देखरेख में ही चलाई जा सकती है, पैथालोजिस्ट के बिना लैब चलाना गैर कानूनी है। सेहत विभाग बिना नियमों के चल रही डायग्नोस्टिक लैब पर कारर्वाई करवा सकता है।
नियम के अनुसार होगी कार्रवाई
ब¨ठडा डायग्नोस्टिक लैब एसोसिएशन के तरफ से एक मांग पत्र विभाग को दिया गया है। नियम क्या है व सेहत विभाग किस तरह की कार्रवाई कर सकता है इसे देखा जाना अभी बाकी है। विभाग के पास अगर कोई शिकायत आएगी तो उसके खिलाफ बनती कारर्वाई की जाएगी।
-डॉ.एचएन ¨सह,सिविल सर्जन, ब¨ठडा।
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राजेश