एनएचएआई का टेंडर जारी, 315 करोड़ से फोरलेन होगी बठिडा मलोट रोड

बठिडा से मलोट अबोहर के रास्ते गंगानगर तक सफर करने वालों के लिए अब अच्छी खबर है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Aug 2019 07:45 PM (IST) Updated:Fri, 09 Aug 2019 06:28 AM (IST)
एनएचएआई का टेंडर जारी, 315 करोड़ से फोरलेन होगी बठिडा मलोट रोड
एनएचएआई का टेंडर जारी, 315 करोड़ से फोरलेन होगी बठिडा मलोट रोड

साहिल गर्ग, बठिडा : बठिडा से मलोट अबोहर के रास्ते गंगानगर तक सफर करने वालों के लिए अब अच्छी खबर है। केंद्र सरकार के विभाग एनएचएआई के के जनरल मैनेजर अखिल खारे ने बठिडा मलोट रोड को भी फोरलेन करने का अब भारत माला प्रोजेक्ट के तहत टेंडर जारी कर दिया है। इसके लिए 20 अगस्त को बिड ओपन होगी। इसको लेकर एनएचएआई ने 19 अगस्त तक आवेदन मांगे हैं, जिसकी वैल्यू 315.79 करोड़ रुपये रखी गई है। वहीं टेंडर अलॉट होने के बाद जमीन एक्वॉयर करने का काम शुरू होगा, जिसके चलते रोड के दोनों तरफ से 22.5-22.5 मीटर जमीन एक्वॉयर की जाएगी। इसके लिए एनएचएआई की ओर से सर्वे किया जा चुका है। जबकि टेंडर के अलॉट होने के बाद काम शुरू होते ही इसको दो साल में पूरा करने की डेडलाइन भी तय की है। इसी के साथ रोड की मेंटेनेंस भी पांच साल के लिए होगी। जबकि इस रोड के बनने के बाद लोगों को काफी सुविधा मिलेगी। गौर हो कि इस रोड को बठिडा से फाजिल्का तक फोरलेन किया जाना है, मगर फिलहाल इसका टेंडर मलोट तक हुआ है। इसके बाद इसको आगे बढ़ाया जाएगा।

तैयार हो चुकी है डीपीआर

बठिडा से फाजिल्का तक मलोट-अबोहर के रास्ते से बनने वाली फोरलेन रोड की डीपीआर भी तैयार हो गई है। जबकि कुछ महीने पहले एनएचएआई की ओर से सर्वे करवाया गया था, जिसको केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्रालय ने रिजेक्ट कर दिया था। इसमें गिदड़बाहा व मलोट से निकाले गए बायपास पर आपत्ति जताई थी, जो सड़क के मानकों के अनुरूप नहीं थी। वहीं लोकसभा चुनाव के कारण इस प्रोजेक्ट को कुछ समय के लिए रोक दिया था। इसके बाद अब फिर से इसको पास कर दिया गया है। दूसरी तरफ रोड के बनने के बाद जहां सफर का समय कम होगा, वहीं फाजिल्का तक बॉर्डर पर आने जाने में भी आसानी होगी।

गौर हो कि बठिडा से मलोट, अबोहर, फाजिल्का तक रोड को फोरलेन करने के लिए किए गए सर्वे में छह महीने का समय लगा।

रोजाना गुजरते हैं हजारों वाहन

इस हाइवे से करीब 10 हजार वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं। इसके द्वारा लोग बठिडा से मुक्तसर और फाजिल्का जिले में जाने के अलावा राजस्थान के श्रीगंगानगर तक पहुंचते हैं। जबकि टू-लेन की सड़क इतने अधिक वाहन होने के चलते इस सड़क पर आए दिन दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। इनमें बठिडा के बल्लूआना गांव तो मुक्तसर जिले के दोला थेड़ी गांव के पास अक्सर ही हादसे होते हैं। वहीं अबोहर रोड पर सड़क खराब होने के अलावा तंग होने के कारण लोग हादसों का कारण बनते हैं। इसके साथ ही रोड़ के बनने से कार के द्वारा 45 मिनट में पार होने वाला रास्ता भी 35 मिनट का रह जाएग। रोड के बनने से कट जाएंगे 10 हजार से ज्यादा पेड़

बठिडा से मलोट तक रोड के फोरलेन होने से 10 हजार से ज्यादा पेड़ों की बलि चढ़ जाएगी। बठिडा जिले में अभी दो तीन सड़कें ही ऐसी हैं, जहां पर पेड़ों की छत बन जाती है। इसके चलते इस रोड पर भी बठिडा से मलोट तक काफी पेड़ लगे हुए हैं। अब प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पेड़ों को काट दिया जाएगा।

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